संदेशखाली में महिलाओं से गैंगरेप, CAA-NRC, ममता के मंत्रियों-विधायकों पर ED की रेड, राम मंदिर, हिंदुत्व और घोटाले, इस बार पश्चिम बंगाल में मुद्दों की भरमार है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने वाली BJP ने इस बार 35 सीटें जीतने का टारगेट रखा है। वो हर रीजन के हिसाब से CAA और हिंदुत्व जैसे मुद्दे भुना रही है। इसका उसे फायदा भी मिलता दिख रहा है।
पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटों पर 7 फेज में 19 अप्रैल से 1 जून तक चुनाव हैं। BJP ने संदेशखाली का मुद्दा पूरे देश में उठाया है। चुनाव से ठीक पहले CAA लागू कर दिया। हालांकि, इससे उसे वोट देने वाले मुस्लिम वोटर दूर हो सकते हैं। इसका सीधा फायदा TMC को मिलेगा।
CAA: 66 लाख लोगों पर असर, PM ने भी रैली में जिक्र किया
4 अप्रैल को PM मोदी और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने नॉर्थ बंगाल के कूचबिहार में रैलियां की थीं। नॉर्थ बंगाल में लोकसभा की तीन सीटें कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीद्वारपुर हैं। 2019 में BJP ने तीनों सीटें जीती थीं।
PM मोदी ने कूचबिहार में CAA का मुद्दा उठाया। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, यानी CAA बीते 11 मार्च को लागू किया है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
पश्चिम बंगाल में मतुआ और राजबंशी समुदाय इस दायरे में आते हैं। इनकी बड़ी आबादी अलीपुरद्वार, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में रहती है। बंगाल में मतुआ समुदाय के करीब 30 लाख लोग हैं। राजबंशियों की आबादी करीब 33 लाख है। ये लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे।
CAA के सवाल पर बशीरहाट के अजीउल गाजी कहते हैं, 'BJP ने लोगों में डर भर दिया है। हमें हिंदू भाई-बंधुओं से अलग कर दिया है। BJP बांटने की राजनीति कर रही है। हमें डर है कि CAA आने के बाद हमारी जमीन छीन ली जाएगी। इसलिए हमारा वोट दीदी के लिए रहेगा।'
जर्नलिस्ट सुमन भट्टाचार्य बताते हैं, 'CAA का मुद्दा बंगाल की तीन सीटों- बनगांव, रानाघाट और पूर्व बर्धमान सीट को प्रभावित करेगा। CAA के जरिए BJP राज्य के 4% मतुआ और राजबंशी वोट अपनी तरफ करना चाहती है।'
'उसी तरह CAA का मुद्दा मुस्लिम आबादी वाली सीटों पर TMC को फायदा पहुंचाएगा। यहां दिलचस्प बात है कि बनगांव और बशीरहाट पड़ोसी सीटें हैं। बनगांव में CAA से BJP को फायदा मिलता दिख रहा है तो बशीरहाट में ये उसे नुकसान पहुंचाएगा।’
हालांकि, जर्नलिस्ट स्निग्धेंदु भट्टाचार्य कहते हैं, 'मतुआ चाहते हैं कि बिना शर्तों के CAA लागू किया जाए। राजबंशी वोटर CAA के साथ NRC की भी डिमांड कर रहे हैं। इसलिए CAA का कितना फायदा BJP को होगा, इस पर संशय है।'
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