बेंगलुरू: कर्नाटक के बेंगलुरु से एक चौकाने वाला खुलासा सामने आया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक अवैध यतीमख़ाने का निरीक्षण करने के दौरान 20 लड़कियों को बचाया. इनमें अनाथ बच्चियां भी शामिल हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि बच्चियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है, पूरे बाल गृह में भी खिड़की या रोशनदान नहीं है. लड़कियों को एकदम कैद कर के रखा गया है. कुछ बच्चियां यहां आने के पहले स्कूल जातीं थीं, लेकिन उनकी पढ़ाई छुड़वा दी गयी है.
उन्होंने लिखा, 'बच्चियों ने बातचीत में बताया कि चिल्ड्रन होम की देखभाल करने वाली सलमा नाम की महिला लड़कियों के रिश्ते कुवैत में तय करवाती है. प्राथमिक बातचीत से प्रतीत होता है कि खाड़ी देशों में शादी के नाम पर तस्करी के लिए बच्चियों को ग्रूम करने का काम यहाँ किया जाता है. दक्षिण भारत में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं'.
प्रियंक कानूनगो ने लिखा कि जांच के दौरान जब लड़कियों को CWC के सम्मुख प्रस्तुत करने की बात आई तो सलमा और उसके मालिक शमीर ने गुंडों को बुला लिया जिन्होंने झगड़ा करने की कोशिश की. जब पुलिस के हस्तक्षेप से गुंडो को काबू किया तो वे एक गुंडे ने फ़ोन पर किसी को और भीड़ को बुलाने के लिए मस्जिद से एलान करने के लिए कहा.
पुलिस की सलाह पर महिला अधिकारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम लोग पुलिस स्टेशन आ गए हैं. हम लोग समपीगहल्ली पुलिस स्टेशन बंगलुरु उत्तरपूर्व में बैठे हैं, थाने के बाहर गुंडे हमारे इंतेज़ार में बैठे हैं. पुलिस ने FIR लिखने से मना कर दिया है. कर्नाटक सरकार तुष्टिकरण के चलते अपराधियों के आगे नतमस्तक है.
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