झुंझुनूं के मण्डावा मोड पर स्थित सिटी सेंटर मॉल में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। आग की लपटें देख कॉम्प्लेक्स व आसपास में अफरा तफरी मच गई। दमकल की पांच गाड़ियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से कॉम्प्लेक्स में रखा लाखों रुपए का फर्नीचर जलकर राख हो गया। हादसे के दौरान कॉम्प्लेक्स के चौथी मंजिल पर स्थित लाइब्रेरी में 20 से 25 स्टूडेंट पढ़ रहे थे। लेकिन समय रहते बाहर निकल गए।
सूचना के बाद कोतवाल पवन चौबे, सहायक अग्निशमन अधिकारी बुलकेश भांबू समेत कोतवाली, ट्रैफिक व क्यूआरटी टीम भी मौके पर पहुंची। आग सुबह करीब 11 बजे लगी थी। मंडावा इलाका काफी भीड़ वाला है। अभी कितना नुकसान हुआ है। इसका आकलन नहीं हो पाया है। आग की वजह से दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल तक नुकसान हुआ है। काम्प्लैक्स में आगे की ओर लगे सीसे भी टूट गए। इस में करीब 3 साल से कैफे चल रहा है। मौके पर मौजूद मुकेश पिलानियां ने बताया कि मैं कॉम्प्लेक्स के पास खड़ा था। दूसरी मंजली पर स्थित कैफे से धुआं निकलता हुआ दिखाई। बाद में धुआं देख भीड़ लगने लगी।
फायर ब्रिगेड को सूचना देने के दस मिनट बाद दो दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग धीरे धीरे फैलती हुए तीसरी मंजिल तक पहुंच गई। उसके बाद तीन गाड़ियां और आईं। इसके बाद काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
सहायक अग्निशमन अधिकारी बुलकेश भांबू ने बताया कि आग की सूचना मिली थी। दमकल की 5 गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पा लिया। हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ है। घटना के दौरान कॉम्प्लेक्स में कोई नहीं था। सभी दुकानें बंद थी। यह काम्प्लैक्स आठ मंजिल पर है। इसमें बेसमैंट में भी दुकानें बनी हुई है। दूसरी मंजिल पर कैफे है। दूसरी मंजिल से ही आग की शुरुआत हुई थी।
फायर सेफ्टी के नहीं हैं इंतजाम
अग्निशमन के अधिकारी लोकेश कुमार गोठवाल ने बताया कि कॉम्प्लेक्स में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है। इमरजेंसी गेट और फायर सेफ्टी के उपकरण नहींं है। 6 महीने पहले कॉम्प्लेक्स के ऑनर को नोटिस दिया था। जांच नगर परिषद के अधिकारियों को सौंपी थी। वहीं, झुंझुनूं शहर में दर्जनों कॉम्प्लेक्स है। जहां फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं है। लेकिन जिम्मेदार कार्रवाई करने की जहमत नही उठा रहे है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
लाइब्रेरी में मौजूद थे स्टूडेंट
जिस समय हादसा हुआ उस वक्त कॉम्प्लेक्स की चौथी मंजिल पर स्थित लाइब्रेरी में 20 से 25 स्टूडेंट मौजूद थे। जबकि अधिकारी कह रहे है कि घटना के दौरान कोई नहीं था। लाइब्रेरी में पढ़ने वाले स्टूडेंट विरेन्द्र पूनियां ने बताया कि जिस समय हादसा वह कॉम्प्लेक्स में मौजूद था। उसके साथ और भी स्टूडेंट थे। धूंआ निकलने की सूचना पर तुरन्त बाहर निकल गए थे।
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