जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा इस बार देश मे 370 और एनडीए 400 पार के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. राज्यों से लेकर राजधानी दिल्ली तक लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. एक-एक सीट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निर्णय ले रहे हैं. सूत्रों की मानें तो भाजपा की लोकसभा चुनावों को लेकर पहली सूची मार्च के पहले सप्ताह में आ सकती है. ऐसे में टिकट के काउंटडाउन में प्रदेश के भाजपा के करीब एक दर्जन नामों की घोषणा हो सकती है. खास बात यह है कि बीजेपी इस बार 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 सीटों पर चेहरा बदलने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कुछ सीटों पर विधानसभा में हार का सामना कर चुके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश संगठन के कुछ पदाधिकारियों को चुनावी मैदान में उतारकर चौकाया जा सकता है.
विधानसभा में हारे हुए नेताओं के साथ पदाधिकारियों पर दांव :
दिल्ली में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राजस्थान के टॉप लीडरशिप की दिल्ली दौड़ हो रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य नेता पिछले तीन दिन से दिल्ली में पार्टी शीर्ष नेतृत्व से टिकटों पर मंथन कर रहे हैं. कोर ग्रुप के बाद सीईसी बैठक में कमोबेश सभी नामों पर सहमति बन गई है. जिस तरह से नाम तय किए जा रहे हैं, उसमें माना जा रहा है कि विधानसभा में हारे हुए वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट मिल सकता है, जिसमें राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, ज्योति मिर्धा और सुभाष महरिया के नाम शामिल हैं. वहीं, पार्टी के संगठन के लिहाज देखें तो पार्टी उन नेताओं को चुनाव लड़ाने का मन बना रही है जो संगठन में पदाधिकारी है या फिर जिनको विधानसभा चुनाव में बाहर किया गया. इनमें उपाध्यक्ष श्रवण बगड़ी, उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील कोठारी, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर जैसे नाम शामिल हैं.
इन लोकसभा सीटों पर हो सकता है बदलाव :
केंद्र की राजनीति में भले ही राजस्थान को इतनी तवज्जो नहीं मिलती हो, लेकिन चुनावी मुहिम में राजस्थान भाजपा के लिए बड़ा महत्व रखता है. पिछले दो चुनावों का इतिहास देखा जाए तो भाजपा ने कांग्रेस को क्लीन स्वीप किया है. दोनों ही बार 25 में से 25 लोकसभा सीटों पर एनडीए या भाजपा जीती है. बीजेपी जीत के इस इतिहास को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है, वैसे तो पार्टी सभी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन फिर भी ग्राउंड जीरों पर किए गए सर्वे में पार्टी ने कुछ सीटों को कमजोर माना और उनके लिए अलग से रणनीति बनाई है.
15 सीटों पर बदलाव तय :
पार्टी सूत्रों की मानें तो 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 से अधिक सीटों पर बदलाव तय माना जा रहा है. इनमें से 6 लोकसभा सीटें तो वो हैं जहां से पार्टी ने सांसदों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा. हालांकि इनमें से 3 में हार और 3 में जीत हुई है. अब माना जा रहा है पार्टी इन सभी 6 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारेगी, जिनमें राजसमंद से सांसद दीया कुमारी, जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह, अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ के विधायक बनने से यहां पर नए उम्मीदवार तय है. इसी तरह से जालौर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भगीरथ चौधरी और झुंझुनू से नरेंद्र खीचड़ विधानसभा चुनाव हार गए थे, ऐसे में इन तीनों सीटों पर भी प्रत्याशी बदला जा सकता है. इसी तरह से टोंक-सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जयपुर शहर, भरतपुर, करोली-धौलपुर, चूरू, नागौर, दौसा और डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर भी पार्टी प्रत्याशी बदलने पर विचार कर रही है, जबकि कोटा-बूंदी, बारां-झालवाड़, जोधपुर, चितौड़गढ़, बीकानेर, बाड़मेर-जैसलमेर, सीकर और पाली लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.
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