नई दिल्ली/नोएडा: आजकल 5 रुपये में चाय भी नहीं मिलती, क्या भर पेट भोजन मिल सकता है, आप कहेंगे बिल्कुल नहीं. लेकिन हम कहेंगे कि हां 5 रुपये में भर पेट खाना मिल सकता है. 5 रुपये में लोगों को भरपेट खाना खिला रही है नोएडा की दादी की रसोई. दादी की रसोई नाम के इस आउटलेट में कई बरस से जनता को 5 रुपये में भरपेट खाना खिलाया जा रहा है.
यूं तो देश की गरीब आबादी भर पेट भोजन कर सके, ये दायित्व सरकार का है और सिस्टम को इस दायित्व को नीति बनाकर अमलीजामा पहनाना है, लेकिन कुछ लोग हमारे समाज में ऐसे भी है जो अपने दिल से गरीब लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं और उन्हें भर पेट भोजन मुहैया करा रहे हैं.
दिल्ली से सटे नोएडा में अनूप खन्ना साल 2015 से लोगों को 5 रुपये में भरपेट खाना खिला रहे हैं, उन्होंने इस नेक काम की शुरूआत 21 अगस्त 2015 से की थी. ईटीवी भारत की टीम ने अनूप खन्ना से बातचीत की. उन्होंने बताया कि चावल दाल, अचार से हमने दादी की रसोई की शुरूआत की थी और आज बेहतर से बेहतर खाना लोगों को देने का काम कर रहे हैं, अनूप खन्ना के इस कार्य की सराहना राष्ट्रपति भवन में भी हुई है. इसके साथ ही केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) में भी अनूप खन्ना को प्रोत्साहित करने के लिए बुलाया गया था.
9 साल से 5 रुपये में लोगों को पेट भर खाना खिला रही दादी की रसोई
समाजसेवी अनूप खन्ना ने बताया कि दादी की रसोई 21 अगस्त 2015 को शुरू हुई थी और होली वाले दिन छुट्टी रखते हैं और तब से लगातार चला रहे हैं. अनूप खन्ना के इस नेक काम के लिए उन्हें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बुलाया था. उसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी बुलाकर सराहना की.
अनूप खन्ना ने बताया कि ''केबीसी में भी जो कर्मवीर प्रोग्राम होता है, उसमें अमिताभ बच्चन और रवीना टंडन जी के साथ था. उन्होंने भी मेरी काफी तारीफ की, और मेरे काम को अच्छा बताया. इससे हमे और अच्छा करने के लिए अप्रिशिएसन मिला.
उन्होंने कहा कि ''इस तरह के कार्य से भुखमरी की समस्या को दूर किया जा सकता है. भुखमरी पूरी दुनिया में बहुत बड़ी समस्या है, जिसके माध्यम से अगर यह मॉडल लिया जाता है, जिसे पूरी दुनिया मे भुखमरी को खत्म किया जा सकता है. समाजसेवी और दादी की रसोई चलने वाले अनूप खन्ना ने बताया कि नोएडा जैसे हाईटेक शहर में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे यही उद्देश्य लेकर हमने दादी की रसोई को शुरू किया है, जो आज के समय में काफी सहयोग लोगों के द्वारा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बिना लोगों के सहयोग के कोई काम पूरा नहीं हो सकता.
दादी की रसोई चलने वाले समाज सेवी अनूप खन्ना का कहना है कि ''जिस तरह से दादी की रसोई चलाई जा रही है, अगर इस तरह से देश ही नहीं, दुनिया में छोटे-छोटे स्थान पर खाना शुरू किया जाए तो भुखमरी की समस्या दुनिया में कहीं भी नहीं आ सकती है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के द्वारा किसी से चंदा लेने या डोनेशन लेने जाने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि लोग खुद ही आकर सहयोग देते हैं. उन्होंने बताया कि 5 रुपये में भोजन के साथ मिठाई भी दी जाती है. जो पूरी तरह से निशुल्क रहता है. उन्होंने बताया कि यह काम अब एक अभियान के रूप में चलाया गया है, जो आगे भी अब लगातार जारी रहेगा.
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