मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदों को जीवित रखते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने शनिवार को अपने समर्थकों से ‘धैर्य’ रखने और ‘निराश न होने’ के लिए कहा है. शिवकुमार के ताजा बयान ने उन अटकलों को फिर से हवा दे दी है, जिसमें कहा जा रहा है कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में सत्ता साझाकरण फॉर्मूले पर काम कर रही है. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के समर्थकों ने शुरू से ही इस तरह की किसी योजना से इनकार किया है और दावा किया है कि उनके नेता पूरे पांच साल के लिए शीर्ष पद पर बने रहेंगे.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सलाह के बाद वह मुख्यमंत्री बनने की दौड़ से पीछे हट गए और ‘धैर्य’ रखने का फैसला किया. उपमुख्यमंत्री बनने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र कनकपुरा के दौरे पर गए शिवकुमार ने मतदाताओं से कहा कि उनकी इच्छा (उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखने की) कभी झूठी नहीं होगी और उन्होंने उनसे (मतदाताओं से) धैर्य के साथ प्रतीक्षा करने को कहा.
शिवकुमार ने कहा, ‘आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए बड़ी संख्या में मत दिए, लेकिन क्या करें, एक निर्णय हुआ. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझे एक सलाह दी. मुझे बड़ों की बात का मान रखना ही था – मुझे धैर्य बनाए रखना होगा.’ उन्होंने कनकपुरा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘लेकिन मैं आपको सिर्फ इतना बताना चाहता हूं कि आपकी इच्छा (मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देखने की) कभी झूठी नहीं होगी. धैर्य बनाए रखें.’
स्वागत और अपने प्रति दिखाए गए स्नेह के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘मैं यहां आपको शुक्रिया कहने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं.’ उन्होंने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से आने वाले दिनों में होने वाले जिला और तालुक पंचायत चुनावों की तैयारी करने को भी कहा.
हालिया चुनाव में विधानसभा की कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 135 सीटें जीतीं और राज्य में गठित सरकार में सिद्धरमैया मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बने. हालांकि, दोनों नेता मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में प्रबल दावेदार थे.
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