मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों ने गांव को घेरकर बोला हमला, एक महिला समेत 9 की मौत

मणिपुर में पिछले 24 घंटों में ताजा हिंसा भड़कने के बाद एक महिला समेत नौ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गये. सेना के सूत्रों के मुताबिक खामेनलोक इलाके में देर रात फायरिंग की घटना में ये मौतें हुई हैं. कई घायलों को इलाज के लिए इंफाल ले जाया गया है. हिंसा में मारे गए लोगों में से कुछ के शरीर पर कट के निशान हैं और कई गोलियां लगी हैं.

इंफाल ईस्ट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिवकांत सिंह के हवाले से बताया कि ताजा हिंसा में 10 लोग जख्मी भी हुए है. उन्होंने कहा कि मृतकों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है, ताकि इस बात का सही से पता लगाया जा सके कि उनकी मौत किस वजह से हुई है.

पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने रात करीब एक बजे इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और हमला कर दिया. घायलों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है.

इसी खामेनलोक क्षेत्र में कुछ दिनों पहले सोमवार देर रात उग्रवादियों तथा ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें में नौ लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में कुकी उग्रवादियों के साथ मंगलवार को मुठभेड़ हुई. कुकी उग्रवादी मेइती इलाकों के पास बंकर बनाने की कोशिश कर रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई.

पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढील को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो जातीय संघर्षों के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है. मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है.

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं. हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.

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