बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में गवाही देने वाली रेसलर अनीता श्योराण रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनावी दंगल में कूद गई हैं. अनीता ने 12 अगस्त को होने वाले चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा. अनीता ने 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. अगर अनीता श्योराण रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाती हैं तो वो भारतीय कुश्ती की अगुआई करने वाली पहली महिला होंगी. महिला पहलवानों ने वैसे कुश्ती में देश का परचम बुलंद किया है. लेकिन, जब फैसले लेने वाले हमेशा पुरुष ही रहे हैं.
WFI चुनाव के 50 सदस्यीय वोटर और उम्मीदवारों की लिस्ट में 38 साल की अनीता श्योराण इकलौती महिला हैं. अध्यक्ष पद पर उनका मुकाबला सीधे बृजभूषण शरण सिंह के खेमे के दो उम्मीदवारों से होने की संभावना है. दिल्ली कुश्ती संघ के अध्यक्ष ओलंपियन जय प्रकाश औऱ उत्तर प्रदेश के संजय सिंह भोला भी मैदान में हैं. ये दोनों उम्मीदवारों का यौन उत्पीड़न केस में फंसे बृजभूषण शरण सिंह से सालों पुराना नाता है. WFI के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ मामले की सुनवाई दिल्ली की एक कोर्ट में हो रही है, जिसने एक हफ्ते पहले उन्हें जमानत दे दी थी.
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनावों को लेकर बृजभूषण खेमे ने दिल्ली में एक मीटिंग की और इसके बाद ये दावा किया कि उन्हें चुनावों में 25 में से 20 स्टेट फेडरेशन का समर्थन हासिल है.
इस बीच, अनीता श्योराण चुनावों में विपक्षी पैनल का नेतृत्व कर रही हैं और समझा जाता है कि उन्हें बृजभूषण शरण सिंह का विरोध करने वाले पहलवानों का समर्थन हासिल है, जिनके बारे में सरकार ने कहा था कि डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पदों पर कौन बैठेगा, इसमें उनकी प्रमुख भूमिका होगी. वह बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुष्टि करने वालों में से एक थीं.
जून में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वालीं अनीता श्योराण ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि शिकायतकर्ताओं में से एक ने उन्हें इस घटना की जानकारी दी थी. बृजभूषण शरण सिंह ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को होटल के अपने रूम में बुलाया था और जबरदस्ती गगले लगाया था. हालांकि, अनीता ने नॉमिनेशन फाइल करने के दौरान इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की.
बृजभूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न मामले में फिलहाल जमानत पर हैं. उन्हें इसी केस में चुनाव लड़ने से बेदखल किया गया है. उनके परिवार का कोई सदस्य भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगा. सरकार ने जून में ही बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक औऱ बजरंग पुनिया को ये विश्वास दिलाया था कि बृजभूषण के परिवार से किसी भी सदस्य को WFI की नई बॉडी में कोई पद संभालने की अनुमति नहीं दी जाएगी. नतीजतन, बृजभूषण शरण सिंह और उनके बेटे करण का नाम चुनाव की मतदाता सूची में नहीं था और उनके दामाद विशाल सिंह बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे. लेकिन वो चुनाव में नहीं उतरे हैं.
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