जयपुर हेरिटेज नगर निगम में पट्टों की एवज में ली गई दो लाख रुपये की रिश्वत ने आखिरकार मेयर मुनेश गुर्जर का पद छीन लिया है. जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को राज्य सरकार ने उनके पद से निलंबित कर दिया है. शनिवार देर रात स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश गुर्जर के निलंबन के आर्डर जारी किए. राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के तहत मुनेश गुर्जर को जयपुर हेरिटेज मेयर के पद से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं.
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ह्रदेश कुमार शर्मा ने जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के निलंबन के संबंध में आदेश जारी किये हैं. वहीं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रिश्वत कांड में मेयर मुनेश गुर्जर की भूमिका को लेकर जांच में जुटी हुई हैं. हालांकि अभी तक इस रिश्वत कांड में उनकी संलिप्तता सामने नहीं आई है. लेकिन मुनेश गुर्जर की इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर निलंबन के बाद राज्य सरकार बर्खास्तगी करने का भी फैसला ले सकती हैं. लिहाजा अब मेयर पर बर्खास्तगी की तलवार भी लटक गई है.
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों नारायण सिंह और अनिल दुबे को एक पट्टे की एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. रिश्वत की यह राशि मेयर के घर पर ली गई थी. उसके बाद मेयर के घर चले सर्च ऑपरेशन में 40 लाख रुपये की नगदी मिली थी. वहीं दलाल नारायण सिंह के घर में भी आठ लाख रुपये से ज्यादा की नगदी मिली थी. यही नहीं जिस पट्टे के लिए यह रिश्वत ली गई थी उसकी फाइल बाद में सर्च ऑपरेशन में मेयर के किचन मिली थी.
उसके बाद एसीबी ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था. वहां से एसीबी ने तीनों को दो दिन के रिमांड पर लिया है. राजधानी के नगर निगम में यह रिश्वत कांड सामने आने के बाद राजनीति गरमा गई थी. निलंबित मेयर कांग्रेस पार्टी से है. लिहाजा बीजेपी एक बार फिर से भ्रष्टाचार के मामले को लेकर गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई थी. इस मामले में बीजेपी गहलोत सरकार पर और हमलावर होती उससे पहले ही मेयर को निलंबित कर दिया गया है. वहीं मुनेश गुर्जर ने दावा किया है कि उनके पति को कांग्रेस के किसी बड़े नेता के कहने पर फंसाया गया है.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.