डाक विभाग की ग्रामीण डाक शाखाओं में 3 युवकों द्वारा मार्क्सशीट से छेड़छाड़ कर अंक बढ़ाकर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने थाना बालूगंज में तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और आगामी जांच शुरू कर दी है। निरीक्षक डाकघर शिमला राकेश कुमार ने पुलिस को शिकायत दी है कि आरोपितों ने मार्क्सशीट से छेड़छाड़ कर अपने अंक बढ़ाकर मैरिट में आ गए और उनका चयन डाक सेवक सहायक शाखा डाकपाल पद के लिए आसानी से हो गया। डाक विभाग में इन पदों के लिए पिछले साल भर्ती हुई थी। उम्मीदवारों का चयन मैरिट के आधार पर किया गया है। एक वर्ष के बाद इसमें फर्जीवाड़े का पता चला है। डाक विभाग ने चयन के बाद अपने स्तर पर इसकी जांच की तो अब इसमें फर्जीवाड़े का पता चला है। ग्राम डाक सेवक सहायक शाखा डाकपाल पद के लिए 25 अप्रैल, 2022 को अधिसूचना जारी हुई थी।
पहले मामले में उपरोक्त पद के लिए अंकित कुमार पुत्र शिव बहादुर निवासी 175-बक्सा की बाग डाकघर आलापुर तहसली कुंडा जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश ने आवेदन किया था, जिसकी नियुक्त 10वीं कक्षा में हासिल किए गए अंकों की मैरिट के आधार पर हुई थी। उसके उपरांत विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए 10वीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वैरीफिकेशन संबंधित कार्यालय अप्पर सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश से करवाई गई। जहां से अंकित कुमार द्वारा अपनी 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र में नंबरों में भिन्नता पाई गई। अंकित कुमार ने अपना 10वीं कक्षा का प्रमाण पत्र जाली तैयार करके ग्राम डाक सेवक के पद को हासिल करके धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल की है।
दूसरे मामले में साहिल पुत्र सुरेश नैन निवासी गांव व डाकघर धमटान साहिब, तहसील नरवाणा, जिला जिंद, हरियाणा ने आवेदन किया था। उसकी नियुक्त 10वीं कक्षा में हासिल किए गए अंकों की मैरिट के आधार पर हुई थी। उसके बाद विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए 10वीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वैरीफिकेशन संबंधित कार्यालय अप्पर सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश से करवाई। जहां से अंकित कुमार द्वारा अपनी 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र के रोल नंबर में भिन्नता पाई गई। तीसरा मामला भी इसी पद के लिए सामने आया है। तीसरे मामले में राहुल पुत्र रमेश निवासी गांव व डाकघर जलालपुर, तहसील बपोली, जिला पानीपत हरियाणा ने आवेदन किया था। इसकी नियुक्त 10वी कक्षा में हासिल किए गए अंकों की मैरिट के आधार पर हुई थी। उसके उपरांत विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए 10वीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वैरीफिकेशन के लिए कार्यालय शिक्षा बोर्ड हरियाणा भिवानी से करवाई गई। जहां से राहुल द्वारा अपनी 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र में दर्शाए गए नंबरों में भिन्नता पाई गई।
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