शहर में लगे एक पोस्टर ने महिलाओं का खून खौला दिया है. जिस भी महिला ने यह स्लोगन पढ़ा वह आग बबूला हो गई. यह वाकया भिंड में देखने को मिला, जहां पत्नियों के ऊपर लिखे स्लोगन पर कई घरों में बवाल तक मच गया. पत्नियां आक्रोशित हो गईं और लिखने वाले को खरी-खोटी सुनाने लगीं.
दरअसल, चंबल के भिंड में नवजीवन सहायतार्थ संगठन के द्वारा शहर में रक्तदान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. साथ इसके फायदे भी बताये जा रहें है. इसी बीच शहर में डिवाइडर पर कुछ एक ऐसा स्लोगन लिख दिया गया जिसने बखेड़ा खड़ा कर दिया.
चूंकि स्लोगन पत्नियों के ऊपर आधारित था, इसलिए महिलाएं उसे पढ़तीं तो आग-बबूला हो जातीं. हालांकि, संगठन ने सफाई भी दी गई, लेकिन महिलाएं मानने को तैयार नहीं थी. डिवाइडर पर लिखा स्लोगन पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया और फिर राजनीतिक लोग भी कूद पड़े. प्रतिक्रियाएं देने लगे, जिसके बाद नगर पालिका सीएमओ को रक्तदान पर लिखा गया विवादित स्लोगन तत्काल मिटाना पड़ा.
शहर के सिटी कोतवाली के सामने बने डिवाइडर पर नवजीवन संगठन के द्वारा रक्तदान को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के स्लोगन लिखे गए थे, जिसमें एक स्लोगन पत्नी के ऊपर भी लिख दिया गया. स्लोगन में लिखा था ‘बीवी का तब तक कराएं रक्तदान जब तक पारा न चढ़ जाए’, इसके बाद दूसरे स्लोगन में लिखा था, ”बीबियां इतना खून नहीं पीती की जितना आप रक्तदान न कर पाएं” बस इतना लिखते ही जिले की महिलाओं को भी पारा बिना रक्तदान किए ही चढ़ गया.
इस स्लोगन पर विवाद शुरू होते ही नवजीवन सहायतार्थ संगठन के संचालक नीतेश जैन ने बताया कि हमारे द्वारा 200 के ऊपर स्लोगन लिखे गए थे. पेंटर से त्रुटि हुई है. हम इसको चेक नहीं कर पाए, तब तक शहर में यह पोस्टर लगा दिया गया था. महिलाओं का किसी भी प्रकार से कोई अपमान नहीं किया गया है.
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