शख्स ने CJI चंद्रचूड़ से पूछा एक साधारण सवाल…और सुप्रीम कोर्ट में हो गया ये बड़ा बदलाव, जानें

हाल ही में विदेश यात्रा के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI D Y Chandrachud) से दर्शकों में एक शख्स ने एक सरल सवाल पूछ लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जजों की कुर्सियों की ऊंचाई को एक बराबर रखने का फैसला किया गया है. अब जजों के लिए कुर्सियों को नए ढंग से डिजाइन किया गया है. जिसमें जज अपनी आराम और सुविधा के हिसाब से फेरबदल कर सकते हैं, साथ ही उनको एक समान ऊंचाई पर भी सेट किया गया है. यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट में हाल में किए गए बुनियादी ढांचे के सुधार का ही एक हिस्सा है, जिसमें नई डिजिटल तकनीक भी शामिल है.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि लंबे वक्त से जज अपनी कुर्सियों में अपनी जरूरतों और आराम के हिसाब से बदलाव करते रहे हैं. मगर बेंच पर कुर्सियों की गैर-बराबर ऊंचाई ने कभी भी अधिकारियों का ध्यान अपनी तरफ नहीं खींचा था. जब 21 मई से 2 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट की गर्मियों की छुट्टी के दौरान ब्रिटेन में एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ को इसके बारे में बताया गया, तो उन्होंने इस बात पर गौर किया. कार्यक्रम में दर्शकों में से एक जिज्ञासु शख्स ने सीजेआई से पूछा कि ‘क्या आप मुझे बता सकते हैं कि में बेंच में कुर्सियों की ऊंचाई अलग-अलग क्यों है?’ उस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को ऑनलाइन देखा था.


सीजेआई चंद्रचूड़ को तुरंत एहसास हुआ कि उसकी बात सही है और भारत लौटने पर उन्होंने अपने स्टाफ को यह बात बता दी. वे भी इस बात से सहमत थे कि यह एक जायज सवाल था. उन्होंने कहा कि कुर्सियों की ऊंचाइयां अलग-अलग इसलिए हैं क्योंकि अलग-अलग जज अलग-अलग समय पर अपनी कुर्सियों में बदलाव करते हैं. जिसका मुख्य कारण है कि काम पर लंबे समय तक रहने के कारण पीठ संबंधी समस्याएं होती हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने तब सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कंधे, गर्दन, पीठ और जांघ को सही सपोर्ट देने और शरीर के हिसाब से एडजस्ट की जा सकने वाली कुर्सियां जरूर हों, मगर एकरूपता के लिए कम से कम उनकी ऊंचाई बराबर रखी जानी चाहिए.

इन निर्देशों का विधिवत पालन किया गया और जब सुप्रीम कोर्ट फिर से खुला, तो कुर्सियों को एक बराबर ऊंचाई पर फिर से समायोजित किया गया. इन कुर्सियों में पीठ और कंधे को बेहतर सपोर्ट दिया गया. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि ये कुर्सियां कम से कम कुछ दशक पुरानी थीं. हालांकि वे खरीद का सही साल बताने में असमर्थ थे. उन्होंने कहा कि इन कुर्सियों का मूल ढांचा कभी नहीं बदला गया क्योंकि अदालत पारंपरिक डिजाइन को बरकरार रखना चाहती है. मगर जजों की निजी जरूरतों और पसंद के आधार पर उनमें समय-समय पर फिर से बदलाव किया गया था

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व सीजेआई एनवी रमना ने अपनी कुर्सी में आर्थोपेडिक जरूरतों के हिसाब बदलाव किया था. मौजूदा सीजेआई चंद्रचूड़ ने भी कुछ साल पहले ऐसा ही किया था, जब उन्हें पीठ के निचले हिस्से में समस्या हो गई थी. बहरहाल ऐसा लगता है कि नए बदलावों के बावजूद सभी मुद्दों को हल नहीं किया जा है. क्योंकि पीठ की तकलीफ से गुजर रहे जस्टिस सूर्यकांत को 2 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 में किए गए बदलावों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान एक छोटी ऑफिस चेयर का उपयोग करते देखा गया था.

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
जल संरक्षण के लिए किसान संघ की पहल:जयपुर की 20 बांधों को ईआरसीपी से जोड़ने की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन | जयपुर में स्लीपर बस से शराब तस्करी का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार | 'मोदी के वादे के बावजूद कांग्रेस की योजना बंद की': गहलोत बोले - फ्री स्मार्टफोन योजना जारी रहती तो जीडीपी बढ़ती | Rajasthan Politics: मंत्री जवाहर सिंह बेढम का कांग्रेस पर तीखा हमला, बोले - "टीकाराम जूली की पार्टी में नहीं चलती" | राजस्थान पुलिस SI पेपर लीक मामला: बड़ी कार्रवाई, RPSC सदस्य के बेटे-बेटी समेत 24 SI बर्खास्त | राजस्थान: CM भजनलाल को धमकी देने के मामले में मुख्य आरोपी समेत चार गिरफ्तार, जेल में मोबाइल पहुंचने की जांच जारी | शिरोही में भीषण सड़क हादसा: तेज रफ्तार कार की टक्कर से ऑटो सवार 11 लोग घायल | 5 साल का बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी | राजस्थान की राजनीती ( हिंदी समाचार - पत्र ) | वेलेंटाइन डे पर घर से भागे प्रेमी युगल ने खाया जहर, युवक की मौत, किशोरी अस्पताल में भर्ती |