पाकिस्तान ने भारतीय नेताओं से चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए पाकिस्तान का नाम नहीं घसीटने की मांग की है। 26 अप्रैल को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि भारतीय नेता वोट के लिए अपने भाषणों और बयानों में पाकिस्तान को मुद्दा बनाना बंद करें।
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के नेताओं की ओर से किए जा रहे सभी दावों को भी खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय नेता जम्मू- कश्मीर पर अपने गलत दावे करना बंद कर दें। पाकिस्तान का बयान ऐसे समय पर आया है, जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी व्यापारियों ने भारत से व्यापार शुरू करने के लिए दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की मांग की थी।
पाकिस्तान विरोधी बयानों में बढ़ोतरी हुई
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जहरा बलोच ने कहा, " हम पिछले कुछ समय से भारतीय नेताओं की ओर से जम्मू कश्मीर पर दिए जा रहे भड़काऊ भाषणों में बढ़ोतरी देख रहे हैं। ये बेहद चिंताजनक है। पाकिस्तान भारतीय नेताओं के इन दावों को खारिज करता है।"
जहरा बलोच ने आगे कहा कि भारतीय नेताओं के यह बयान राष्ट्रवाद से प्रेरित है, जिनके कारण क्षेत्र की शांति खतरे में पड़ सकती है। भारतीय दावे ऐतिहासिक और कानूनी तथ्यों के विपरीत हैं। ऐतिहासिक और कानूनी तथ्यों के अलावा जमीनी हकीकत भी जम्मू-कश्मीर पर भारत के दावों को खारिज करती है।
वहीं, पाकिस्तान की तरह भारत भी कश्मीर मुद्दों पर पाकिस्तान के बयानों को खारिज करते आया है। भारत का विदेश मंत्रालय कई बार कहता आया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग है और हमेशा रहेंगे। किसी दूसरे देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रैली के दौरान किया था जिक्र
भारत के नेता कई मौके पर अपने चुनावी भाषणों में पाकिस्तान का जिक्र कर चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 अप्रैल को मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक रैली के दौरान पाकिस्तान का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह जम्मू- कश्मीर का विकास हो रहा है, मुझे लगता है कि POK के लोग सोचते हैं कि उनका विकास केवल पीएम मोदी के हाथों ही हो पाएगा। POK हमारा (भारत) हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
रक्षामंत्री के अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान का जिक्र कर चुके हैं। विदेश मंत्री ने कहा था, “POK के मुद्दे पर पूरे भारत का एक स्टैंड है। हम यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि POK भारत का हिस्सा नहीं है। भारत के सभी दलों का एक ही रूख है कि POK भारत का हिस्सा है।
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