राजस्थान में भजनलाल सरकार बने 6 महीने का वक्त बीत चुका है। कांग्रेस राज में शुरू हुए पट्टा वितरण पर रोक लगी हुई है। इसके बावजूद आज भी भजनलाल सरकार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर लगे पट्टे जारी कर रही है।
6 जुलाई को जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में जनता को ये पट्टे वितरित किए। मामला सामने आने के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, 6 जुलाई को जयपुर के सिविल लाइन विधानसभा के वार्ड 38 और 44 में पट्टा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पहली बार नगर निगम द्वारा किसी प्राइवेट होटल में गुपचुप तरीके से पट्टा वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय पार्षद को भी नहीं बुलाया गया। बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा की मौजूदगी में मेयर मुनेश गुर्जर ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर वाले पट्टे जारी कर दिए।
18 लोगों को जारी किए गए पट्टे
इस कार्यक्रम में लगभग 22 लोगों को पट्टे जारी किए जाने थे। इनमें से 18 लोग ही कार्यक्रम में पहुंचे। काफी पट्टों पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर मौजूद थी।
जैसे ही निगम अधिकारियों को इसकी भनक लगी, उन्होंने फिर से लाभार्थियों से उनके पट्टे करेक्शन के लिए मांगने शुरू कर दिए।
लेकिन रोक के बावजूद इस तरह गुपचुप पट्टा वितरण करना मेयर मुनेश गुर्जर के साथ निगम अधिकारियों के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकता है। सूत्रों के अनुसार 4 से 5 ऐसे पट्टे बांटे गए, जिनमें अशोक गहलोत की फोटो लगी थी।
मंत्री बोले - दोषियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेसी मेयर ने अशोक गहलोत के तस्वीर लगे पट्टे जारी किए हैं। इसकी शिकायत मुझ तक भी पहुंची है। इस पूरी प्रक्रिया की जांच करवाई जा रही है। मेयर समेत जो भी अधिकारी इसमें दोषी होगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि यह उनकी सामूहिक जिम्मेदारी थी।
खर्रा ने कहा- पिछले कांग्रेस राज में शुरू हुए पट्टा वितरण पर फिलहाल रोक लगी हुई है। क्योंकि उनमें गड़बड़ी की काफी शिकायत मिल रही थी। ऐसे में विधानसभा सत्र के बाद इस पूरी प्रक्रिया का रिव्यू कर नए सिरे से गाइडलाइन जारी की जाएगी। ऐसे में जल्दबाजी में पट्टे क्यों जारी किए गए। इसकी भी जांच की जाएगी।
पूनिया ने कहा कि जिस दिन पट्टे वितरित किए गए थे, उस दिन मैं कार्यक्रम में मौजूद नहीं था। वहीं, सार्वजनिक कार्यक्रम को प्राइवेट जगह करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला मेयर मुनेश गुर्जर ने ही लिया था। इस पूरे मामले पर हमने जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर से भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की। लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका कोई जवाब नहीं मिल पाया।
कांग्रेसी पार्षद दशरथ सिंह शेखावत ने कहा- जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर पट्टों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर बर्खास्त हो चुकी हैं। उनके पति और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की पुख्ता सबूत मिले हैं। बावजूद इसके मुनेश गुर्जर अब भी पट्टों में भ्रष्टाचार कर आम जनता की गाड़ी कमाई को लूट रही है।
ऐसे में इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ताकि इस भ्रष्टाचार में कौन-कौन लोग लिप्त है, इसका पता चल सके। शेखावत ने कहा- रीवैलिड के नाम पर पुराने पट्टों को भ्रष्टाचार कर जारी किया जा रहा है। जबकि नियमों के तहत 7 दिन में पट्टा जारी करना अनिवार्य है। वरना पट्टा निरस्त हो जाता है।
स्थानीय पार्षद बोलीं- चोरी छिपे क्यों बांटे गए पट्टे
स्थानीय पार्षद सुनीता शेखावत ने कहा- मेरे वार्ड में पट्टा वितरण का कार्यक्रम था। लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा मुझे इसकी जानकारी नहीं दी गई। न जाने क्यों चोरी छिपे गुपचुप तरीके से पट्टा वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें जरूर बड़ा घोटाला होने की संभावना है।
इसकी सरकार को निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए। क्योंकि मेयर मुनेश गुर्जर पर इससे पहले पट्टा वितरण में ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। वे बर्खास्त हो चुकी हैं। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ जांच भी जारी है। बावजूद इसके गुपचुप तरीके से पट्टे वितरण करना सरासर गलत है।
जोन उपायुक्त बोले- यह फैसला मेयर मुनेश गुर्जर ने ही लिया
वहीं, इस पूरे प्रकरण के बाद अब नगर निगम अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं। नगर निगम सिविल लाइन जोन उपायुक्त दलीप पूनिया ने कहा- नगर निगम द्वारा कुल 22 पट्टे वितरित किए जाने थे। इनमें महज एक पट्टे में पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर थी, जो रीवैलिड कराया गया था। वह गलती से वहां पहुंच गया था।
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