मुंबई. हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक ने विलय का ऐलान किया है। इस डील के तहत HDFC बैंक में HDFC की 41% हिस्सेदारी होगी। HDFC ने आज, यानी सोमवार को बताया कि आज बोर्ड की मीटिंग में HDFC को HDFC बैंक में विलय की मंजूरी दे दी गई है। इस विलय में कंपनी के शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स (कर्ज लेने वाले) भी शामिल होंगे। HDFC ने कहा कि प्रस्तावित डील का मकसद HDFC बैंक के हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना और इसका मौजूदा कस्टमर बेस बढ़ाना है। HDFC और HDFC बैंक का यह विलय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा हो जाएगा। HDFC लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि यह बराबरी का विलय है। हमारा मानना है कि RERA के लागू होने, हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने, अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर सरकार की पहल जैसे तमाम दूसरी चीजों के कारण हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस में बड़ी तेजी आएगी। दीपक पारेख ने आगे कहा कि पिछले कुछ साल में बैंकों और NBFC के कई रेगुलेशन बेहतर बनाए गए हैं। इससे विलय की संभावना बनी। इससे बड़ी बैलेंस शीट को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन के इंतजाम का मौका मिला। साथ ही इकोनॉमी की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ी। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिला और कृषि सहित सभी प्रायोरिटी सेक्टर को पहले से ज्यादा कर्ज दिया गया।
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