जयपुर. रिश्वतखोरी में गिरफ्तार बायोफ्यूल का सीईओ सुरेन्द्र सिंह राठौड़ 9 साल में ही सीईओ की कुर्सी पर पहुंच गया था। वायुसेना में एयरमैन की पोस्ट पर काम करने वाले सुरेन्द्रसिंह ने 2000 में नौकरी छोड़कर ग्रामीण विकास विभाग की नौकरी जॉइन किया। इसके बाद राठौड़ को सीईओ तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा। बताते हैं कि इस पद पर उसकी नियुक्ति भी नियमों के विरुद्ध थी। जयपुर एसीबी ने गुरुवार को 5 लाख रुपए की घूसखोरी में उसे गिरफ्तार किया था। वहीं, राठौड़ की बेहिसाब संपत्ति को लेकर अब ईडी, इनकम टैक्स विभाग भी एक्टिव हो गया है। जिस कुर्सी पर कभी सीनियर आईएएस अधिकारी बैठते थे, उस कुर्सी पर राठौड़ पिछले 13 साल से जमा बैठा है। तीन बार सरकार बदली अच्छे से अच्छे और बड़े से बड़े अधिकारी की इन 13 सालों में कुर्सी बदली लेकिन राठौड़ की कुर्सी कोई हिला नहीं पाया। साल 2000 में राठौड़ ग्रामीण विकास विभाग में बतौर संविदाकर्मी मैनेजर की पोस्ट पर लगा था। हाई लेवल कांटेक्ट के कारण 2007 में बायोफ्यूल में डिप्टी सीईओ बना दिया गया। साल 2008 में जॉइंट सीईओ के पद पर पहुंचा। 2009 में राठौड़ ने बायोफ्यूल अथॉरिटी के सीईओ की पोस्ट पर लगा। इसके बाद जॉइंट सेक्रेटरी ग्रामीण विकास विभाग का भी चार्ज दिया गया। दोनों ही पोस्ट महत्वपूर्ण हैं। सीईओ की इस पोस्ट पर आईएएस बैठते हैं और जॉइंट सेक्रेटरी की पोस्ट पर सीनियर आरएएस अधिकारी को बैठाया जाता है। राठौड़ ने इन दोनों ही पोस्ट की जिम्मेदारी उठा रखी थी। राठौड़ के पास एमए, एलएलबी और एमबीए की डिग्री भी है।
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