जोधपुर. पानी की परेशानी झेल रहे पाली जिले की राहत के लिए वाटर ट्रेन भेजी जा रही है। रविवार को यह ट्रेन जोधपुर से रवाना होकर पाली पहुंच जाएगी, लेकिन 20 साल में पहली बार ऐसा मौका होगा जब यह वाटर ट्रेन 400 से ज्यादा चक्कर लगाएगी। करीब तीन महीने तक चलने वाली इस ट्रेन पर 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दरअसल, 2002 में पहली वाटर ट्रेन पाली पहुंची थी। रविवार को 20 सालों में 5वीं बार यह ट्रेन पाली आ रही है। इस वर्ष अप्रैल महीने में ही पानी का संकट की वजह से वाटर ट्रेन को जल्दी चलाया जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई तक पाली के लिए वाटर ट्रेन लगातार चलाई जाएगी। यह ट्रेन जुलाई तक 400 से ज्यादा चक्कर लगाएगी। पाली की जनसंख्या करीब 3 लाख है। अभी प्रति व्यक्ति को एक दिन में 55 लीटर पानी की आवश्यकता है। जोधपुर से इस ट्रेन में अप्रैल के अंत तक 4 एमएलडी यानि 40 लाख लीटर पानी आएगा। मई से इसे बढ़ाकर 8 एमएलडी कर दिया जाएगा। जबकि पाली को रोजाना 25 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। भगत की कोठी पर जलदाय विभाग के पास अलग ट्रैक पर पाइप लगाए गए हैं। 50 वैगन को शनिवार शाम भर दिया गया। इसे भरने में करीब 3 घंटे का समय लगा। वहीं एक फेरे पर करीब 3 लाख 80 हजार रुपए खर्च होंगे। इस अनुमान के मुताबिक जोधपुर से पाली वाटर ट्रेन लाने के लिए 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.