जयपुर. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पीएम मोदी से देश में हिंसा के खिलाफ अपील करने की टिप्पणी पर पलटवार किया है। पूनिया ने कहा- अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा पहली बार उनको अपनी पार्टी के भीतर और बाहर चुनौती मिली है। पूनिया ने कहा- मैं गहलोत के बयानों को सुनता आ रहा हूं। जिस तरीके की बौखलाहट, निराशा उनमें है। जिस भाषा में वह देश के लिए आशंका जताते हैं। मोदीजी को कोसने वाले मुख्यमंत्री भूल जाते हैं कि देश और राजस्थान में 55 साल तक कांग्रेस को शासन करने का मौका मिला था। इस देश में अराजककता भ्रष्टाचार, जातिवाद, महंगाई, वोट बैंक, तुष्टिकरण की जनक कांग्रेस है। देश के विभाजन, आपातकाल, सिख दंगों की दोषी कांग्रेस है। इन तमाम बातों से कांग्रेस कठघरे में है। देश की जनता ने कांग्रेस को नीतियों और व्यवहार से नकार दिया है। इसलिए अशोक गहलोत की गुड मॉर्निंग बीजेपी नेताओं, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय संघसेवक संघ सब पर रोजाना झूठे और तथ्यहीन आरोप लगाने से होती है l पूनिया ने कहा गहलोत को इस बात का अभी से अहसास हो चुका है कि 2023 में राजस्थान में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार होगी। जिसके कारण खुद अशोक गहलोत और उनकी जनविरोधी नीतियां होंगी। सतीश पूनिया ने कहा- CM ने तीन कारणों से ऐसा बयान दिया है। पहला- कांग्रेस के मुक्त होने की बौखलाहट है। इसलिए उन्हें आशंका है। दूसरा- उन्हें खुद की पार्टी के भीतर और बाहर पहली बार चुनौती मिली है। इसलिए उनके चेहरे के हाव भाव से असुरक्षा दिखती है। तीसरा- उन्हें अपनी कुर्सी के जाने की असुरक्षा है। मुझे लगता है कि कुर्सी पर लम्बे समय तक कोई काबिज नहीं होता। राजस्थान के लिए जनता ने उन्हें बहुत लम्बे समय तक मौका दिया है। लगता है कि अब उन्हें राजस्थान की जनता पर रहम और मेहरबानी करनी चाहिए। इस तरीके की सियासी बयानबाजी से उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। पूनिया ने कहा अशोक गहलोत को इस बात का अभी से अहसास हो चुका है कि 2023 में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार होगी। जिसका कारण खुद अशोक गहलोत और उनकी जनविरोधी नीतियां होंगे।
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