जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 बीजेपी गुजरात मॉडल की तर्ज पर लड़ेगी। इसमें बिना किसी चेहरे के माइक्रो मैनेजमेंट से चुनाव जीतने की स्ट्रेटेजी अपनाई जाएगी। यह प्रयोग गुजरात के अलावा हाल ही में हुए उत्तरप्रदेश चुनाव में भी कामयाब रहा है। खास बात यह है कि वोटों के माइक्रो मैनेजमेंट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी पार्टी के ‘पन्ना प्रमुख’ पर रहेगी। यह पन्ना प्रमुख केन्द्रीय मंत्री,पार्टी प्रदेशाध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष,उप नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य से लेकर विधायक, मोर्चों, प्रकोष्ठों, प्रकल्पों के पदाधिकारियों से लेकर बूथ लेवल कार्यकर्ताओं तक सभी रहेंगे। राजस्थान में बीजेपी के 52 हजार बूथों पर लगभग 11 लाख पन्ना प्रमुखों की नियुक्तियां की जा रही हैं। जो जल्द पूरी हो जाएंगी। चुनाव में इन कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज पार्टी को वोट दिलाएगी। हर पन्ना प्रमुख को 60 वोटर्स की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बूथों की संख्या के लिहाज से औसत 3.42 वोट से कांग्रेस से पिछड़कर सत्ता खोनी पड़ी थी। राजस्थान में बीजेपी पन्ना प्रमुख अभियान के प्रदेश संयोजक श्रवण सिंह बगड़ी ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि राजस्थान में पिछले काफी समय से बीजेपी की ओर से सशक्त मंडल अभियान चल रहा है। जिसमें सक्रिय बूथ समितियां बनाई जा चुकी हैं। 22 से 25 मार्च के दौरान सभी जिलों में शक्ति केन्द्र संयोजकों के सम्मेलन भी हुए हैं। बूथ मजबूत करने के लिए 26 मार्च से पूरे राजस्थान में एक साथ ‘पन्ना प्रमुख’ नियुक्ति का अभियान चल रहा है। जिसमें 52 हजार से ज्यादा बूथों पर 11 लाख पन्ना प्रमुख नियुक्त किए जाएंगे। जिस तरह गुजरात में भी पन्ना प्रमुख बनाए गए और उसके कारण वहां बीजेपी को लगातार विधानसभा चुनाव में जीत मिल रही है।
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