जयपुर. एसएमएस (सवाई मानसिंह हॉस्पिटल) के डॉक्टर्स ने ओपन हार्ट सर्जरी एक नया कीर्तिमान रचा है। यहां कार्डियो थोरेसिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने 1 हजार से ज्यादा हार्ट ऑपरेशन छाती की हड्डी काटे बिना किए हैं। इसे मिनीमली इनवेजिव कार्डियक सर्जरी (MICS) कहा जाता है। इसके तहत दिल में छेद, कोरोनरी वॉल्व रिप्लेसमेंट, आर्टरी बाइपास, अन्य कॉम्प्लीकेटेड केसेज समेत 27 तरह की दिल की बीमारियों को ठीक करने के लिए जांघ या पैरों पर चीरा ( फिमेरेलो बाइपास ) नहीं लगाया गया। न ही छाती की हड्डी काटी गई। जिस सर्जरी में 3 से 4 जगह चीरा लगता था। वो सिर्फ एक चीरे में कर दी गई। पहले होने वाली सर्जरी की एक बड़ी समस्या ये थी कि ज्यादा चीरे और सीने की हड्डी काटने के निशान होने की वजह से युवतियों की शादी में भी बड़ी समस्या आ रही थी। इस सर्जरी की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि इससे 15 साल तक के छोटे बच्चों की ओपन हार्ट सर्जरी भी की जा रही है, जो पूरे भारत में कहीं नहीं होती। अब तक 70 छोटे बच्चों की यहां ओपन आर्ट सर्जरी की जा चुकी है। एसएमएस सिटी सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा ने दावा किया है कि जिस तरह की सर्जरी हम करते हैं। ऐसी पूरे देश में कहीं नहीं होती। दूसरी जगहों पर ऐसे ऑपरेशन में जवान व्यक्ति की छाती पर 2 से 3 चीरे लगाए जाते है, जबकि एक चीरा जांघ या पैर पर लगाया जाता है। जांघ पर चीरा लगाने की प्रक्रिया को फिमेरेलो बाइपास कहते हैं। इस बाइपास में जांघ से नसों के जरिए एक तार अंदर डाला जाता है। जिसके जरिए हार्ट को स्लीप मोड पर लाने और उसकी लोकेशन को देखने का काम करते हैं।
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