जयपुर. राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी की गुटबाजी जगजाहिर है। वहीं, विपक्ष में बैठी बीजेपी की अंदरुनी कलह भी किसी से छुपी नहीं है। समय-समय पर राजस्थान बीजेपी के नेताओं की आपसी खींचतान सामने आती रही है। पार्टी में क्षेत्रीय क्षत्रप वाले नेताओं की कमी नहीं है और वे सभी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने आप को सीएम की कुर्सी के नजदीक देखते हैं। सेंट्रल लीडरशिप के सामने सीएम कैंडीडेट बनाने के लिए अपनी दावेदारी रखने के लिए ये नेता शक्ति प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। इनमें दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे से लेकर वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी संभाल रहे गजेंद्र सिंह शेखावत तक शामिल है। हाल ही में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी अपने जन्मदिन के बहाने ऐसा ही कुछ मैसेज देने का प्रयास किया था। CM चेहरे की दौड़ में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव, राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी से सांसद ओम बिरला, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सांसद और आदिवासी नेता डॉ किरोड़ीलाल मीणा के नाम शामिल हैं। पिछले महीने 8 मार्च महिला दिवस को अपने जन्मदिन पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने देव दर्शन के जरिए धार्मिक-सामाजिक यात्रा कर बूंदी और पूरे हाड़ौती में हुंकार भरी थी। सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम में 35 विधायक और 11 सांसदों ने शिरकत की। इस दौरान राजे ने सभा को संबोधित करते हुए जनता का आर्शीवाद मांगा था।
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