लखनऊ. कर्नाटक में हिजाब पर उठा विवाद सड़कों पर नमाज के रास्ते मंदिरों-मस्जिदों में लाउडस्पीकर तक पहुंच गया। बरास्ता ट्विटर यह तूल पकड़ता ही गया। तभी 21 अप्रैल को एक अलहदा निर्देश आया, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का- कानून का सख्ती से पालन कीजिए। ACS होम ने जो रिपोर्ट मांगी है उसको आने में अभी समय है, लेकिन हकीकत जानने के लिए 27 अप्रैल यानी बुधवार को दैनिक भास्कर यूपी के 12 जिलों में 24 रिपोर्टर्स 60 मंदिरों और इतनी ही मस्जिदों के कैंपस के बाहर पहुंचे। तब, जब आरती और अजान हो रही थी। हमने जो देखा, जो सुना वो आपके सामने सिलसिलेवार रख रहे हैं। दादा मियां दरगाह के बाद भास्कर टीम नदवा पहुंची। यहां लाउडस्पीकर की आवाज काफी तेज है। लाउडस्पीकर से सड़क 60 मीटर दूर है। फिर भी आवाज सड़क पर आ रही है। शाम 6 बजे लखनऊ के सबसे बड़े हनुमानजी के मंदिर हनुमान सेतु पर जबरदस्त भीड़ है। आरती चल रही है, लेकिन 30 मीटर दूर सड़क तक आवाज नहीं आ रही है। मंदिर के पास प्रसाद की दुकान लगाने वालों ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने खुद ही लाउडस्पीकर हटा दिया है। अब आरती बिना माइक के होती है।श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर से सटी, ज्ञानवापी मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से आवाज आती है, लेकिन तेज नहीं।श्री काशी विश्वनाथ धाम में जब हम पहुंचे, तो वहां मुख्य अर्चक टेकनारायण से बात हुई। यहां पूजा-अर्चना के लिए कभी लाउडस्पीकर का सहारा नहीं लिया जाता। इसी तरह से काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव, संकटमोचन हनुमान मंदिर, दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर और तुलसी मानस मंदिर में आरती के लिए लाउडस्पीकर नहीं है। यही हालत सारनाथ स्थित बौद्ध मंदिरों और जैन मंदिरों में भी है।
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