नई दिल्ली. PM मोदी देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और चीफ जस्टिस की जॉइंट कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, केंद्रीय कानून मंत्री और सभी 25 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी मौजूद थे। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ। इससे पहले यह कार्यक्रम 2016 में हुआ था। इस दौरान PM ने कहा-हमें कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इससे देश के सामान्य नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा, वो उससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। इससे पहले CJI एनवी रमना ने कहा- न्याय का मंदिर होने के नाते अदालत को लोगों का स्वागत करना चाहिए, कोर्ट की अपेक्षित गरिमा और आभा होनी चाहिए। यह कार्यक्रम ज्यूडिशियरी से जुड़े मामलों और उसके सरकार के साथ बेहतर संबंध के लिहाज से बेहद अहम है। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजूजू ने कहा- यह कार्यक्रम सरकार और ज्यूडिशियरी के बीच ईमानदार और कंस्ट्रक्टिव बातचीत का यह एक अनूठा मौका है। इससे लोगों को ठोस न्याय दिलाने में मदद मिलेगी।
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