जयपुर. राजस्थान में 45 डिग्री तापमान के बीच फोर व्हीलर ऑनर को CNG के लिए 2-3 घंटे अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। जयपुर सहित कई शहरों में सीएनजी पंपों पर लंबी कतारें मिल जाएंगी। पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों के बीच घर का बजट संभालने के लिए एकमात्र राहत का विकल्प है सीएनजी, लेकिन ये भी इतना आसान नहीं है। सीएनजी पंपों पर दोपहर में कतार में जितनी गाड़ियां होती हैं, उससे तीन गुना कतारें रात को लगी मिल जाएंगी। 6-7 घंटे इंतजार के दौरान कई बार तो मारपीट तक की नौबत आ जाती है। दरअसल, सीएनजी के लिए लंबी कतारों की सबसे बड़ी वजह है डिमांड से बेहद कम सप्लाई। राजस्थान में रोज 1.60 लाख लीटर की सप्लाई होती है, जबकि डिमांड कई गुना ज्यादा है। यहीं हाल सीएनजी पंप का है। बढ़ते सीएनजी व्हीकल को देखते हुए 1500 पंप चाहिए, लेकिन हैं सिर्फ 165 ही। जयपुर में ही महज 5 सीएनजी पंप है। भास्कर ने सीएनजी पंपों पर जाकर करीब से लोगों की परेशानी समझी। जानिए-आखिर समस्या की वजह क्या है और इसका समाधान कैसे हो सकता है? सरकार और कंपनियों को क्या उपाय अपनाने चाहिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, सीएनजी आपूर्ति करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों और समस्या के समाधान के लिए एक्सपट्र्स से भी बातचीत की। राजस्थान में 3 कंपनियां टोरेंट, अडानी एवं इंद्रप्रस्थ सीएनजी सप्लाई करती हैं। सरकार कंपनियों को जिले आवंटित करती है। इसके बाद कंपनियां इन जिलों में पंप खुलवाती हैं और सीएनजी सप्लाई करती हैं। राजस्थान में फिलहाल 33 में ही 20 ही जिलों में सीएनजी पंप हैं। जानकारों का कहना है अगले 6 महीने में सभी जिलों में सीएनजी पंप शुरू हो जाएंगे।
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