नई दिल्ली. दिवालिया होने की कगार पर खड़े श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे दिया। पिछले हफ्ते प्रमुख विपक्षी नेता सिरिसेना ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इसमें तय हो गया था कि प्रधानमंत्री महिंदा इस्तीफा देंगे। इसके बाद अंतरिम सरकार बनेगी। दूसरी तरफ, श्रीलंका के कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें हैं। इससे भी बड़ा खतरा महिंदा के इस्तीफे से खड़ा हो गया है। दरअसल, उनके बड़े भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे नहीं चाहते थे कि महिंदा इस्तीफा दें, लेकिन विपक्ष की मांग के आगे उन्हें झुकना पड़ा। दूसरी तरफ, उन्होंने अपने समर्थकों को सड़कों पर उतार दिया। अब राजपक्षे भाईयों के विरोधियों और समर्थकों के बीच देश के कई हिस्सों में झड़पें शुरू हो गई हैं। खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर आम लोगों ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए। जिसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की। श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है। इसके पहले ने 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था। श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है। इसे देखते हुए बांग्लादेश ने करेंसी स्वैप के माध्यम से दिए गए 20 करोड़ डॉलर के लोन को चुकाने की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.