लखीमपुर-खीरी. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर आज आरोप तय होने थे, लेकिन सुनवाई 24 मई तक के लिए टाल दी गई है। आशीष के वकील ने डिस्चार्ज एप्लिकेशन देते हुए दलील दी कि मंत्री पुत्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को रिसीव करने जा रहे थे। यह महज एक दुर्घटना थी। इसे सोची समझी साजिश करार नहीं दिया जा सकता। इस पर किसान पक्ष के वकील मोहम्मद अमान ने आपत्ति दाखिल की। इसके बाद कोर्ट ने अगली डेट 24 मई तय की है। इससे पहले पेशी के लिए मोनू जब पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट में दाखिल हुआ तो वह लगातार अपनी मूंछों पर ताव देता नजर आया। बता दें, लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा में आशीष समेत 14 आरोपियों में से 13 आरोपी जिला जेल में बंद हैं। इसमें सिर्फ एक को जमानत मिल चुकी है। 3 जनवरी को कोर्ट में 5 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दी थी, जिसके बाद किसान पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट में यह बताया था कि उनका पक्ष सुने बिना ही हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए जमानत रद्द कर दी थी। तिकुनिया हिंसा का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र 24 अप्रैल 2022 से जेल में है। आशीष मिश्र ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों से अलग करने की अर्जी (डिस्चार्ज एप्लिकेशन) दी थी। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि उसके खिलाफ कार्रवाई का कोई आधार नहीं है। अदालती पत्रावली में ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। इस पर अभियोजन को आपत्ति दाखिल करनी है।
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