चंडीगढ़. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसमें से 5 लाख रुपये सीबीआई को दिए जाएंगे। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी। कोर्ट में बचाव पक्ष की दिव्यांगता के आधार पर सहानुभति रखने की दलील को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने हेली रोड, पंचकूला, ,गुरुग्राम, असोला की संपत्तियां भी सीज करने के आदेश दिए। सीबीआई के वकील अजय गुप्ता ने बताया कि आरोपी ने 10 दिन का समय दिया जान की मांग की, ताकि मेडिकल रिपोर्ट करवाई जा सकें। परंतु कोर्ट ने कहा कि जो मेडिकल टेस्ट करवाने हैं, जेल में करवाए। सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें कस्टडी में ले लिया गया। सजा सुनाए जाने के वक्त उनके बेटे अभय चौटाला और उनके पोते अर्जुन भी उनके साथ थे। वहीं अभय चौटाला ने कहा कि फैसले पर कहा कि वे हाइकोर्ट जाएंगे। इस संबंध में वकीलों के साथ राय करेंगे। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में गुरुवार को सजा पर वकीलों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।चौटाला की ओर से वकील ने अदालत में दलील दी है कि उनकी उम्र 87 साल है और लंबे समय से बीमार हैं। उनके पास 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट है, लेकिन अब वह 90 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके हैं। स्वास्थ्य खराब रहता हैं और अपने कपड़े भी खुद बदल नहीं पाते। इससे पहले जेबीटी भर्ती मामले में जेल में सजा काट चुके हैं। जेल में रहते हुए 10वीं और 12वीं पास की है। वहीं, सीबीआई के वकील ने दलील दी है कि पूर्व सीएम को कम सजा देने से गलत संदेश जाएगा। गौरतलब है कि चौटाला को अदालत ने 21 मई को दोषी करार दिया गया था। सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चौटाला के खिलाफ 106 गवाह पेश किए थे। पूर्व सीएम के खिलाफ सीबीआई ने 2005 में यह मामला दर्ज किया था। 2010 में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट के बाद 16 जनवरी 2018 को ओपी चौटाला के बयान दर्ज हुए थे। सीबीआई ने चौटाला और उनके बेटों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
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