नई दिल्ली. मंकीपॉक्स के संक्रमण को तेजी से फैलता देख इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चेतावनी जारी की है। हेल्थ एजेंसी का कहना है कि छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है, जिसके चलते इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी। फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट पर है। उधर, भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए एक RT-PCR टेस्ट किट तैयार कर ली है। यह किट 1 घंटे के अंदर नतीजे दे सकेगी। शुक्रवार को अर्जेंटीना में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया। मरीज हाल ही में स्पेन की यात्रा कर लौटा है। देश में वायरस का एक संदिग्ध मरीज भी पाया गया है। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम अफ्रीका से UAE लौटी एक महिला में भी मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। बता दें कि अब तक 21 देशों में मंकीपॉक्स के 226 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 100 संदिग्ध मरीज ऐसे देशों से रिपोर्ट किए गए हैं, जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर नहीं पाया जाता है। मंकीपॉक्स का पहला मामला ब्रिटेन में 7 मई को सामने आया था। हालांकि, राहत की बात यह है कि मंकीपॉक्स वायरस में अब तक कोई जेनेटिक बदलाव नहीं मिले हैं। यानी, वायरस अब तक इंसानों में म्यूटेट नहीं हुआ है। यह बीमारी अफ्रीका के बाहर कैसे फैली, वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
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