नई दिल्ली. आज से 100 दिन पहले 24 फरवरी को NATO मेंबरशिप को लेकर रूस-यूक्रेन में तनाव इस कदर भड़का कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जंग का आगाज कर दिया। तब से इन बीते 100 दिनों में यूक्रेन की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। कभी चमक धमक और रोशनी से पटे रहने वाले यूक्रेनी शहर आज खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। युद्ध की इस तपिश ने पूर्वी यूरोप के बाहर दुनिया के दूसरे देशों को भी कई परेशानी में डाला है, इनमें भारत भी शुमार है। आज हम आपको बताते हैं कि बीते 100 दिनों में किस तरह इस युद्ध वजह की वजह रूस-यूक्रेन के साथ भारत को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सबसे पहले भारत की बात करें तो जंग शुरू होने के बाद तीन महीने के भीतर ही फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने इंडियन मार्केट से 1 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए, जबकि इससे पहले पिछले 9 महीने में कुल 50 हजार करोड़ रुपए ही निकाले गए थे। भारत सहित दुनिया भर के सभी उभरते हुए बाजारों को महंगाई की वजह से मौद्रिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इस युद्ध की वजह से रुपए को भी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट का सामना करना पड़ा। IMF के मुताबिक, जहां 23 फरवरी को एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74.6 पर था, वहीं 31 मई को ये 77.7 के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2022 की शुरुआत में जहां क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर बैरल थी वो रूसी हमले के बाद 128 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई।
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