जयपुर. राष्ट्रपति चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किले में बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब रही है। कांग्रेसी खेमे के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए NDA कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है। विधायकों के नामों का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन एक निर्दलीय और एक सहयोगी दल के विधायक पर शक जताया जा रहा है। राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने के कारण बीजेपी से निकाली गई विधायक शोभारानी कुशवाह ने UPA उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट दिया है। बीजेपी ने शोभारानी कुशवाह के बदले कांग्रेसी खेमे से इस बार दो विधायकों के वोट ले लिए। राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुकीं द्रौपदी मुर्मू को राजस्थान से 75 विधायकों के वोट मिले हैं। सिन्हा को 123 वोट मिले हैं। कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने वोट नहीं दिया। 200 में से कुल 198 विधायकों ने ही वोट दिया था। बीजेपी के कुल 71 विधायक थे, लेकिन राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग के कारण धौलपुर विधायक शोभारानी को बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया। शोभारानी को निकालने के बाद बीजेपी के पास 70 विधायक हैं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायक हैं। इस हिसाब से बीजेपी खेमे के पास कुल 73 वोट थे, लेकिन मुर्मू को 75 विधायकों के वोट मिले हैं। साफ है, उन्हें दो वोट कांग्रेस खेमे के विधायकों के मिले। कांग्रेसी खेमे की गणित के हिसाब से यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 125 वोट मिलने चाहिए, लेकिन केवल 123 ही मिले। इसका मतलब दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है। कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं। 13 निर्दलीय विधायक, सरकार में शामिल आरएलडी के एक विधायक, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायक भी कांग्रेस खेमे में हैं। कांग्रेस खेमे की यह संख्या 126 होती है, बीजेपी से निकाली गई शोभारानी कुशवाह को मिलाकर यह संख्या 127 बनती है। कांग्रेस विधायक भवंरलाल शर्मा और बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने वोट नहीं डाला तो इस खेमे से कुल 125 वोट बनते थे।
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