नई दिल्ली. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CM अरविंद केजरीवाल की शराब नीति की CBI जांच के आदेश दे दिए हैं। LG सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी पर मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के बाद ये एक्शन लिया है। इस रिपोर्ट में सीधे डिप्टी CM मनीष सिसोदिया का नाम लिया गया है। कहा गया कि नई नीति के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को फायदा पहुंचाया गया। मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप लगने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा- "मैं मनीष सिसोदिया को 22 साल से जानता हूं। वे बेहद ईमानदार और देशभक्त हैं। मनीष ने रात दिन मेहनत करके दिल्ली के स्कूलों को शानदार बनाया। ये लोग समझ लें, जेल से हमें डर नहीं लगता। तुम लोग सावरकर की औलाद हो, हम भगतसिंह की औलाद हैं। इस रिपोर्ट में GNCTD अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 के उल्लंघन की बारे में लिखा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब माफियाओं पर हुई इस मेहरबानी के चलते राजकोष को भारी नुकसान हुआ। LG ऑफिस के मुताबिक सिसोदिया की भूमिका जानबूझकर की गई खामियों के चलते जांच के दायरे में है, जिसने 2021-22 के लिए शराब लाइसेंसधारकों के लिए टेंडर में 144 करोड़ का अवैध रूप से लाभ पहुंचाने का काम किया था। सिसोदिया ने फैसलों को अंजाम देने आबकारी नीति के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से मनीष सिसोदिया के पास 19 विभागों की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि 2021 में कोविड महामारी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति जारी की थी। आरोप है कि यह कदम निजी शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने उठाया गया था। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि इससे मिले पैसे को पंजाब चुनाव में इस्तेमाल किया गया।
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