जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा हैं। पायलट खेमे के समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बयानबाजी अपनी ही सरकार के खिलाफ अक्सर सामने आती रहती है। इस बीच, सरकार पर आए संकट के दौरान समर्थन करने वाले छह विधायकों में भी अब नाराजगी दिखने लगी है और उन्होंने कांग्रेस से अलग होने की धमकी भी दे दी है। उनका कहना है उनसे किए वादे पूरे नहीं हुए और सरकार के मंत्रियों का रवैया हमारे प्रति ठीक नहीं है। साथी विधायक लाखन हो, वाजिब हो, संदीप हो लगभग सबको लग रहा है कि पहले जो उम्मीद थी और कमिटमेंट थे, वे जिस किसी कारण से पूरे नहीं हो पाए तो अविश्वास और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला से हमारी बात हुई थी कि वे दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हमारे बारे में जो कुछ करना है उस पर चर्चा करें। कांग्रेस में सत्ता संगठन के बदलावों और निष्ठा कांग्रेस या व्यक्ति में होने के सवाल पर गुढ़ा ने कहा- मैं तो अभी इस मामले में दिमाग नहीं लगा रहा, संगठन और सत्ता में क्या बदलाव होगा, वह तो नहीं कह सकते, लेकिन आज हम कांग्रेस में हैं। कांग्रेस जो करेगी वह ठीक है। पार्टी या व्यक्ति के प्रति कमिटमेंट के सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि अभी तो मुझे खुद को ही पता नहीं है कि मेरा कमिटमेंट क्या है? मुझे क्या फैसला लेना पड़ेगा। हमारे साथियों के साथ बैठेंगे, बात करेंगे। अभी चर्चा ठीक नहीं है। गुढ़ा ने कहा कि साथी विधायकों को विलय के लिए मैंने तैयार किया था। मैंने इनसे बात की और विलय को तैयार किया, क्योंकि मैं पुराना आदमी था, पहले मंत्री रह चुका था। सीएम अशोक गहलोत के बिहाफ पर काफी बातें कही थीं, भरोसा दिलाया था। वाजिब अली और संदीप यादव को तो किसी बोर्ड में भी नियुक्ति नहीं दी गई है। लाखन मीणा को डांग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया, लेकिन उनके पास न ऑफिस है, न गाड़ी है। सारे साथी विधायक मुझे आकर कहते हैं।
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