राजौरी. 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर के राजौरी के परगल में उरी हमले जैसी साजिश नाकाम हो गई। यहां कुछ आतंकियों ने बुधवार की देर रात आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसमें दो आतंकी ढेर हो गए। फायरिंग में सेना के तीन जवान भी शहीद हो गए। 5 जवान जख्मी हैं। परगल कैंप राजौरी से 25 किमी की दूरी पर है। 11 राष्ट्रीय राइफल से मिली जानकारी के मुताबिक, आर्मी कैंप पर यह आत्मघाती हमला है। इसमें दो आतंकी ढेर हो गए।' हालांकि, अभी ये पता नहीं चल पाया कि कितने आतंकियों ने यह हमला किया। पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। जम्मू जोन के ADGP मुकेश सिंह ने बताया, 'राजौरी के दरहाल इलाके परगल स्थित सेना कैंप की बाड़ किसी ने पार करने की कोशिश की थी, इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं।' दारहल थाने से छह किलोमीटर दूर तक अतिरिक्त दल भेजे गए हैं। 18 सितंबर 2016 को कश्मीर के उरी में सुबह साढ़े 5 बजे 4 आतंकवादी सेना के कैंप में घुसे और हमला कर दिया था। 3 मिनट के भीतर ही आतंकियों ने 15 से ज्यादा ग्रेनेड फेंके, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए आतंकियों पर फायरिंग की। सेना की जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी मारे गए। इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा था। भारतीय सेना ने इस हमले का जवाब देने के लिए 28-29 सितंबर की रात PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें 38 से 40 आतंकी मार गिराए थे। एक दिन पहले, यानी बुधवार को जम्मू-कश्मीर में बडगाम जिले के वाटरहेल इलाके में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में से एक लतीफ राथर था, जो कश्मीरी पंडित राहुल भट, अमरीन भट सहित कई नागरिकों की हत्या में शामिल था।
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