अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर पर हुई फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यूक्लियर डॉक्यूमेंट्स और अन्य जरूरी चीजों के लिए तलाशी ली गई थी। इस दौरान वहां से करीब 12 बॉक्स जब्त किए गए। हालांकि, FBI के ऐजेंट्स को कोई न्यूक्लियर रिकॉर्ड मिला या नहीं इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। ये भी खुलासा नहीं हुआ है कि इन 12 बॉक्स में क्या था। FBI ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के आलीशान पॉम हाउस और रिजॉर्ट मार-ए-लीगो पर छापा मारा था। ट्रंप के दो करीबियों ने बताया कि यह रेड बिना किसी नोटिस के की गई। जिस वक्त एजेंट्स ने छापा मारा, उस वक्त खुद ट्रंप वहां नहीं थे। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया कि ट्रंप छापेमारी को प्रभावित कर सकते थे और इसको राजनीतिक मुद्दा बना सकते थे। अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में छापे के बारे में बहुत कम जानकारी दी। हालांकि, छापेमारी के बाद FBI पर हो रहे हमलों की निंदा की। रेड डालने की वजह भी नहीं बताई। अटॉर्नी जनरल ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सर्च वॉरंट को मंजूरी दी थी। उनका यह बयान अमेरिकी न्याय विभाग के सर्च वॉरंट के सार्वजनिक करने के फैसले के बाद आया। गुरुवार को न्याय विभाग ने एक जज से मार-ए-लीगो पर छापेमारी के सर्च वॉरंट को सार्वजनिक करने के लिए कहा, ताकि लोगों को पता चल सके कि छापेमारी क्यों की गई। पूर्व राष्ट्रपति पर की गई कार्रवाई के बाद रिपब्लिकन पार्टी के लोग FBI की निंदा कर रहे हैं। ट्रंप पर आरोप है कि पिछले साल जब उन्होंने व्हाइट हाउस छोड़ा था, तब वो कई डॉक्यूमेंट्स अपने साथ ले गए थे। 15 बड़े बॉक्स में यह डॉक्यूमेंट्स मार-ए-लीगो ले जाए गए थे। इसके बाद से ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ट्रंप और उनके करीबियों पर नजर रख रहीं थीं। हालांकि, अब तक इस आरोप की FBI की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
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