जयपुर. राजस्थान के जालोर में तीसरी क्लास में पढ़ने वाले 9 साल के दलित छात्र इंद्र मेघवाल की स्कूल टीचर के हाथों पिटाई के बाद मौत पर सियासत गरमा गई है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- प्रदेश का मुख्यमंत्री और गृहमंत्री कमजोर है। इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं। दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की शिक्षक की पिटाई से मौत हो गई। यह समाज और शासन के सामने सवाल खड़ा करता है। CM अशोक गहलोत ने पूनिया के इस बयान पर पलटवार करते हुए उल्टे बीजेपी पर ही आरोप मंढ दिए। गहलोत ने कहा- जालोर में ही शेड्यूल्ड कास्ट के संत फंदा लगाकर लटक गए थे। बीजेपी MLA ने उसके घर के सामने खाई खोदी, जिससे वो संत मर गया और लाश लटकती रही। लेकिन कांग्रेस के MLA ने वहां राजनीति नहीं की। डेड बॉडी को पूर्व MLA रामलाल मेघवाल ने दूसरे दिन शाम को उतरवाया। वो बीजेपी विधायक था, जिसे बाद में मुजरिम बनाया गया है। लेकिन अब स्कूली बच्चे की एक घटना हो गई। तो सरकार ने तुरंत टीचर को अरेस्ट कर लिया। मुआवजा दे दिया। उसके बाद में क्या कर सकते हैं। लेकिन बीजेपी के लोग तो उसमें भी राजनीति करेंगे। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा- कोई भी व्यक्ति अपराध तभी करता है और बेखौफ तभी होता है, जब उस पर शासन का इकबाल खत्म हो जाता है। राजस्थान की मौजूदा सरकार के रहते इस तरह की अनगिनत घटनाएं इसी बात का सबूत हैं कि राजस्थान का मुख्यमंत्री लाचार है। गृहमंत्री मजबूर है। वो इन सब बातों को कायम करने के लिए कमजोर है। जब सरकार, मंत्री, मुख्यमंत्री कमजोर होता है तो ऐसी घटनाएं बढ़ती हैं। पानी अब सर से गुजर गया। लेकिन अपील है कि हमारे लिए सियासत से बड़ा समाज है। समाज की एकता और भाईचारा बना रहे। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा जरूर मिले। पूनिया ने कहा राजस्थान की खूबी सदभाव, एकता, समरसता और भाईचारे की रही है। मुझे लगता है उस पर किसी की नजर लग गई है। पिछले साढ़े तीन साल में एक के बाद एक दलित उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं। प्रदेश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है।
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