मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा कि जो गैर कश्मीरी लोग राज्य में रह रहे हैं, वे वोटर लिस्ट में अपना शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी। आयोग ने अपने निर्देश में आगे कहा है कि सुरक्षाबलों के जवान भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं। 2019 के चुनाव में जम्मू-कश्मीर में कुल 78.7 लाख वोटर्स था, लद्दाख के अलग होने से करीब 76.7 लाख वोटर्स है। आयोग ने कहा कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में 25 लाख नए वोटर जुड़ने की उम्मीद है। इसमें छात्र, मजदूर और अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल होंगे। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नाम जोड़ने की कवायद पहली बार की जा रही है। यह काम 25 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। वोटर लिस्ट में नाम 2 तरीके से जुड़वा सकते हैं। पहला, चुनाव आयोग केंद्र लगाती है, जहां आप जाकर आसानी से अपना नाम जुड़वा सकते हैं। वहीं दूसरा तरीका ऑनलाइन नाम जुड़वाने का है। इसके लिए आपको चुनाव आयोग की वेबसाइट nvsp.in पर जाना होगा और वहां रजिस्ट्रेशन कर फॉर्म अप्लाई करना होगा। चुनाव आयोग की घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है। पूर्व CM उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा- भाजपा चुनाव से पहले डर गई है। इन लोगों को कश्मीर का सपोर्ट नहीं मिलने जा रहा है। ऐसे में बाहरी लोगों के बूते पर सरकार में आने की कोशिश कर रही है। पूर्व CM महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा- पहले कश्मीर में चुनाव स्थगित करवाना और फिर अब बाहरी लोगों को वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के पीछे क्या मंशा है? दिल्ली वाले कश्मीर पर सख्त शासन करना चाहते हैं।
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