नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में बिलकिस बानो रेप के आरोपियों की रिहाई पर गुरुवार को सुनवाई की गई। CJI एनवी रमना के सामने दोषियों के वकील ने जब यह दलील दी कि हम इस मामले में पार्टी नहीं हैं। याचिका हमारे खिलाफ लगाई गई। इस पर CJI रमना ने सवाल किया कि इन्हें पार्टी क्यों नहीं बनाया गया। अदालत ने इन लोगों को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दोषियों की रिहाई को लेकर गुजरात सरकार को नोटिस भेजा है। मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी। दंगों में बहुत लोगों की जान गई, दाहोद में भी ऐसा ही हुआ। बिलकिस और शमीम भागने की कोशिश कर रही थीं। शमीम ने बच्चे को जन्म दिया। लोगों ने जब इन दोनों को देखा तो कहा कि इन्हें मारो। 3 साल के बच्चे का सिर जमीन पर पटक दिया गया। गर्भवती का रेप किया। रिहाई के संदर्भ में क्या यह ज्यूडिशियल रिव्यू का आधार नहीं है। मामले की सुनवाई में CJI रमना के अलावा जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच करेगी। गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ माकपा सांसद सुभासिनी अली, पत्रकार रेवती लाल और प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा ने याचिका लगाई थी। बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया था।
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