पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को टेररिज्म मामले में 1 सितंबर तक अंतरिम जमानत मिल गई है। यानी 1 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। एक रैली में महिला जज और पुलिस अधिकारियों को धमकी देने को लेकर खान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 21 अगस्त को एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था। इमरान की पार्टी PTI की लीगल टीम ने वारंट जारी होती ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका दायर कर दी थी। जिसके बाद 24 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। जियो न्यूज के मुताबिक, याचिका में कहा गया था कि इमरान खान का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं रहा है और न ही उन्हें कभी किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है। इमरान ने 20 अगस्त को इस्लामाबाद के F9 पार्क में आयोजित एक रैली के दौरान कहा था- पाकिस्तान की पुलिस किसी के निर्देश पर मेरे पार्टी लीडर्स को गिरफ्तार कर रही है। जब मैंने पुलिस से पूछा कि शहबाज गिल को क्यों गिरफ्तार किया गया है, तो पुलिस का कहना था कि वे सिर्फ ऑर्डर्स फॉलो कर रहे हैं। इतना ही नहीं, खान ने एक महिला जज पर अपनी पार्टी के खिलाफ पक्षपात वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाया और उसे देख लेने की धमकी दी। उन्होंने कहा- ज्यूडिशियरी को भी परिणामों के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। खान ने गिल को रिमांड पर लिए जाने का आदेश देने वाली महिला जज को भी धमकी देते हुआ कहा कि जज को खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। इसके लिए जज तैयार रहें। पुलिस ने शाहबाज गिल को 9 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के वक्त गिल लग्जरी कार से इमरान के घर बनीगाला जा रहे थे। उन्होंने पाकिस्तानी फौज और ज्यूडिशियरी के बारे में उन्होंने पिछले दिनों बेहद घटिया बयानबाजी की थी। इससे आर्मी और सरकार नाराज थी। इसलिए उनकी गिरफ्तारी हुई। उस वक्त भी माना जा रहा था कि पुलिस इमरान को भी गिरफ्तार कर सकती है।
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