जयपुर/बीकानेर. राजस्थान में इस बार मानसून ने आठ दिन देरी से अपनी पारी की शुरुआत की, लेकिन आते ही ताबड़तोड़ बारिश ने देशभर में राजस्थान को चौथे नंबर पर ला खड़ा कर दिया। तमिलनाडु और तेलंगाना के बाद लद्दाख ही ऐसे क्षेत्र है, जहां राजस्थान से ज्यादा बारिश हुई है। दरअसल, 13 अगस्त के बाद मानसून की दूसरी पारी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बार मानसून की बारिश ने 2 तरह के रिकॉर्ड तोड़े। पहला ये कि पिछले 11 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई और दूसरा अनूठा रिकॉर्ड ये है कि इस बार किसी क्षेत्र विशेष तक सीमित रहने के बजाय राज्य के हर जिले में औसत से ज्यादा पानी बरसा। इस बार मानसून ने राजस्थान की उत्तरी सीमा कोटा, टोंक, जयपुर और अलवर की तरफ से प्रवेश करते हुए अपनी प्रभावी उपस्थिति दिखाई। प्रदेश में 30 जून काे मानसून का आया तो उम्मीद नहीं थी कि हर रोज झमाझम होने वाली है, लेकिन 30 जुलाई आते-आते प्रदेशभर में 324 एमएम बारिश हो गई, जबकि पूरे मानसून में ही 435 एमएम बारिश होती है। यानि अधिकांश कोटा तो 30 जुलाई तक ही पूरा हो गया। 30 जुलाई तक पश्चिमी राजस्थान में तो 89 प्रतिशत मानसून बरस चुका था, जबकि पूर्वी राजस्थान में 40 फीसदी बारिश हो गई थी। मानसून के बीच 23 अगस्त को नया सिस्टम बनने से कोटा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ में जमकर बारिश हुई। इसके अलावा बीकानेर और जोधपुर में भी यलो अलर्ट जारी किया गया था। इसी नए सिस्टम के कारण सन सिटी को रेनसिटी कहा गया। जहां रिकार्ड बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया। इससे पहले 27 जुलाई को भी जमकर बारिश हुई, जिससे जोधपुर और कोटा दोनों में जमकर पानी बरसा।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.