इंदौर. यह कहना है इंदौर में रहने वाले यश सोनकिया के पिता यशपाल सोनकिया का। SGSITS के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के स्टूडेंट यश सोनकिया को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने 50 लाख रुपए का पैकेज ऑफर किया है। एयरपोर्ट रोड पर रहने वाले यश 100 प्रतिशत यानी पूरी तरह से ब्लाइंड है। वे प्रदेश के पहले से ब्लाइंड इंजीनियर स्टूडेंट हैं, जिन्हें माइक्रोसॉफ्ट ने जॉब ऑफर की है। यश ने साल 2021 में 7.2 सीजीपीए से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की थी। यश ने बताया कि वह SGSITS से 2021 में पासआउट हो चुके हैं। यह उनकी पहली जॉइनिंग है। यश स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर की मदद से की-बोर्ड के जरिए पूरे कम्प्यूटर को ऑपरेट करते हैं। जिससे वह आसानी से कोडिंग भी कर लेते हैं। वैसे तो कोडिंग की स्पीड़ मापने का कोई पैमाना नहीं होता, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट की लीडरशिप ने यह देखकर चौंक गई कि यश दिव्यांग होने के बावजूद सामान्य लोगों की तरह ही आसानी से और बिल्कुल सटीक कोडिंग कर लेते हैं। इसके बारे में जब यश से सवाल किए गए, तो उन्होंने बताया कि वे स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर की मदद से ऐसा कर पाते हैं। इसके बाद कंपनी ने उनके सलेक्शन पर मुहर लगा दी। यश ने बताया कि शुरूआत में तो मैं नॉर्मल स्कूल में था, लेकिन जब आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई तो पापा ने ब्लाइंड स्कूल में भर्ती कराया। मैंने तब ही सोच लिया था कि मुझे बड़े होकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है। मुझे बचपन से ही टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रही है। इसमें दुनिया भर के लाखों लोगों के जीवन को बदलने और प्रभावित करने की क्षमता है। यश ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही कंपनियों की लिस्ट तैयार कर ली थी, जिसमें उन्हें जॉब करना थी। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी भी उस लिस्ट में शामिल थी। दोस्तों ने हर कदम पर उनकी बहुत मदद की। दोस्तों की मदद और यू-ट्यूब के जरिए ही यहां तक पहुंच पाए हैं।
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