नई दिल्ली. दिल्ली में बुधवार को हुई अपोजिशन की अहम बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दो नाम प्रपोज किए गए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये बैठक बुलाई थी। करीब 2 घंटे की बैठक के बाद उन्होंने गोपाल गांधी और फारुक अब्दुल्ला का नाम प्रपोज किया। इसके बाद शरद पवार ने भी कहा कि हम नाम पर रायशुमारी कर रहे हैं। बैठक में शिवसेना और कांग्रेस समेत 16 दल शामिल थे। आम राय यह बनी कि पूरे विपक्ष का एक ही कैंडिडेट होगा। इस बैठक में आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। उधर, न्योता न मिलने पर असदुद्दीन ओवैसी भी नाराज हो गए। बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो के लीडर्स शामिल हुए। ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए थे। 14 जून को दिल्ली में ममता ने एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की। उधर, माकपा के सीताराम येचुरी ने स्पष्ट किया कि NCP नेता शरद पवार राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ममता के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में माकपा का शीर्ष नेतृत्व हिस्सा नहीं लेगा। हालांकि, बुधवार को हुई बैठक में वे खुद शामिल हुए। ममता ने विपक्ष के 8 सीएम सहित 22 नेताओं को चिट्ठी लिखकर बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था। खास बात यह है कि इस बैठक में कांग्रेस भी शामिल हुई। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना है जिसको लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहा है।
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