पटना. बिहार में बुधवार दोपहर बड़ा पॉलिटिकल उलटफेर हो गया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के 5 में से 4 विधायकों ने पाला बदलकर RJD का दामन थाम लिया। इसके बाद लालू की पार्टी विधानसभा में नंबर वन पार्टी बन गई है। तेजस्वी यादव खुद गाड़ी चलाकर चारों विधायक शाहनवाज, इजहार, अंजार नाइयनी और सैयद रुकूंदीन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के चैंबर में ले गए। इसके बाद उन्होंने अपना समर्थन पत्र सौंप दिया। बता दें, अब AIMIM में सिर्फ उसके प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ही रह गए हैं। हालांकि, इस टूट का असर नीतीश सरकार पर नहीं पड़ेगा। राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। अभी NDA के पास 127 विधायक हैं। BJP (77 MLA) और JDU (45 MLA) को मिलकर ही 122 MLA हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के 4 और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है, अगर वह वापस भी ले लेते हैं तो भी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। AIMIM ने विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा, बहुजन समाज पार्टी सहित छह दलों का गठबंधन बनाया था। सीमांचल में ताबड़तोड़ रैलियां करके सियासी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी। इसका परिणाम भी शानदार रहा था, सीमांचल के 16 उम्मीदवारों में से 5 ने जीत दर्ज की थी। बता दें, ओवैसी की पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य में पहली बार जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2015 विधानसभा चुनाव में भी वह 6 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुके हैं, लेकिन उस वक्त सफलता नहीं मिली थी।
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