रूस और यूक्रेन की जंग को चार महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हजारों लोगों की जान जाने के बाद भी रूस किसी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं है। रूसी सैनिकों के हमले पहले की तरह जारी हैं। गुरुवार-शुक्रवार के बीच की दरम्यानी रात ढाई बजे रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के ओडेसा ओब्लास्ट में एक 9 मंजिला बिल्डिंग को निशाना बनाया, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई, 7 से ज्यादा घायल हो गए। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रूसी सैनिकों ने बिल्डिंग पर मिसाइल दागी। हमले के बाद वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। इससे पहले 27 जून को रूस ने यूक्रेन के एक सेंट्रल मॉल पर मिसाइल दागी थी, जिसमें 18 नागरिकों की मौत हो गई थी। हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की रूसी राष्ट्रपति पुतिन को आतंकवादी बताया था। जंग के 127वें दिन रूसी सेना ने यूक्रेन के एक शहर लिसिचांस्क में हमले तेज कर दिए, जिसके बाद वहां के हालात काफी खराब हो गए। यह जानकारी लुगांस्क के गवर्नर ने सर्गेई गेडे ने गुरुवार को दी। गवर्नर ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि रूसी गोलाबारी के चलते वहां के नागरिकों का निकलना मुश्किल हो गया है। सर्गेई के मुताबिक रूसी सेना अलग-अलग दिशाओं से लिसिचन्स्क की ओर बढ़ रही है। एक दिन पहले यानी बुधवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी शहर माइकोलाइव में एक बिल्डिंग पर हमले किए थे। हमले में 2 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो गई, 3 घायल हो गए। स्वीडन और फिनलैंड के NATO में शामिल होने की दिशा में एक और कदम बढ़ाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिक्रिया दी है। पुतिन ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन के NATO में शामिल होने पर यूक्रेन जैसी समस्या नहीं होगी। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर दोनों देश NATO में शामिल होना चाहते हैं, तो हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन अगर दोनों देश NATO में शामिल हो गए, तो हमारे रिश्तों में कुछ तनाव रहेगा। हालांकि, कुछ दिन पहले पुतिन ने कहा था कि अगर फिनलैंड और स्वीडन ने रूस के बॉर्डर के पास हथियार तैनात किए तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।
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