जयपुर. जयपुर में सात दिन पहले द्रव्यवती नदी में कूदकर महिला एईएन के सुसाइड मामले में नया मोड़ आया है। मौत से पहले ससुरालवालों ने इंजीनियर बहू को पीटा था। सुसाइड से पहले उसने अपने पिता को फोन कर कहा था कि जेठ-जेठानी ने उसे 30-40 थप्पड़ मारे और बीच-बचाव की जगह सास-ससुर ने भी उसकी पिटाई की थी। मारपीट के बाद मधुबाला ने अपने पिता को फोन कर कहा भी था कि ये लोग मुझे जान से मार देंगे। ये आरोप मधुबाला के पिता ने लगाया है। मधुबाला के पिता ने बताया- बेटी की शिकायत पर मैंने उसके ससुराल वालों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने माफी मांगी, लेकिन हमारे जाने के बाद दोबारा मारपीट की। उन्होंने जयपुर के महिला थाना (साउथ) में मधुबाला के ससुराल वालों पर मामला दर्ज कराया है। अलवर के शिवाजी पार्क में रहने वाले मधुबाला के पिता सोहन सिंह ने बताया- बेटी मधुबाला (29) सूरतगढ़ थर्मल प्लांट पर एईएन के पद पर पदस्थ थी। उसका पति तरुण (32) पटना, बिहार में कंपाउंडर के पद पर था। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में अलग-अलग राज्यों में ड्यूटी के बावजूद दोनों खुश थे। मधुबाला अक्सर पति तरुण से मना करती थी कि वह जयपुर मिलने न आए। तरुण भी जानता था कि मधुबाला जयपुर के मानसरोवर स्थित गणपति नगर अपने ससुराल आने से क्यों मना करती है। ससुराल वाले मधुबाला की जॉब के पैसे के लालच में थे। मानसरोवर स्थित मकान की किस्त भी मधुबाला ही भरती थी। खर्च के रुपए अपने पास रखने की बात को लेकर भी ससुराल वाले गलत व्यवहार करते थे। तरुण ने मधुबाला से जयपुर ट्रांसफर करवाने को कहा तो मधुबाला ने मना कर दिया था। मौत से 4 दिन पहले ही तरुण-मधुबाला अपनी 10 महीने की बेटी के साथ जयपुर आए थे। 23 जून की शाम करीब 6:10 बजे बेटी मधुबाला ने उसे कॉल किया। कहा- पापा आप मुझे आजकल में ही जयपुर आकर यहां से ले जाएं, क्योंकि आए दिन जेठ यादवेन्द्र सिंह, जेठानी प्रिंसी राठौड़, ससुर जगदीश सिंह और सास आशा जादौन मेरे साथ मारपीट और गलत व्यवहार कर रहे हैं। यदि आप आकर मुझे नहीं बचा पाए तो हो सकता है कि मैं मेरी जिंदगी को खत्म कर लूं। यह सुनकर मैंने बेटी से कहा- मैं जल्द ही तेरे पास आ रहा हूं। जो भी स्थिति होगी वो देखूंगा। 24 जून को दोपहर करीब 2 बजे मैं अपने बेटे नरेश, बहनोई नरेन्द्र सिंह और भांजे सुनील के साथ बेटी के पास पहुंचा। पापा के आने का पता चलते ही बेटी ने दौड़ते हुए गेट खोला। रोते हुए बोली- पापा मुझे यहां से किसी भी हालत में ले जाओ, नहीं तो ये चारों मुझे जान से मार देंगे। बैठकर बात करने पर बेटी ने बताया कि जेठ-जेठानी ने उसके मुंह-सिर पर 30-40 थप्पड़ मारे। ससुर ने बीच-बचाव की जगह मुझे पीटा और सास आशा ने भी मुझे थप्पड़ मारे। जब बेटी के ससुराल वालों से पूछा तो उन्होंने हाथ जोड़कर माफी मांगी। बोले- घर की बात है, कहीं बाहर नहीं जाए। आइंदा ऐसी कोई बात नहीं होगी। ऐसी कोई मारपीट और गलत व्यवहार दोबारा हमारी ओर से नहीं किया जाएगा। उन्होंने बेटी को साथ ले जाने से मना किया। समाज में इज्जत को देखते हुए हम रात करीब 9 बजे अलवर के लिए निकल गए। 25 जून को सुबह 10:33 बजे बेटी मधुबाला का दोबारा कॉल आया। रोते हुए कहा कि पापा ये लोग मेरे साथ दोबारा मारपीट, गाली-गलौज कर रहे है। आप वापस आओ। मैंने बेटी से कहा कि जल्द ही तेरे पास आ रहा हूं, लेकिन दुर्भाग्य से शाम करीब 5:15 पर ससुर जगदीश सिंह ने कॉल कर बताया कि लैंड स्क्रैप गार्डन के पास द्रव्यवती नदी में कूदकर तुम्हारी लड़की ने सुसाइड कर लिया। हमारे बेटे को भी साथ ले गई। मैंने बेटी के ससुर जगदीश से कहा कि बेटी ने मुझे सुबह कॉल कर बताया था कि दोबारा उसके साथ मारपीट की गई थी। ये सुनते ही उन्होंने फोन काट दिया। 26 जून को सुबह बेटी के सुसरालवालों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ऐसे माहौल में भी बदतमीजी की।
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