चंडीगढ़. मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल का सौदा 1 करोड़ रुपए में हुआ था। इसमें हर शार्प शूटर को 5-5 लाख रुपए मिले। बाकी पैसा दूसरे मददगारों को मिला। 29 मई को जिस दिन मूसेवाला की हत्या हुई, हत्यारों के पास 10 लाख कैश मौजूद था। यह उनकी गाड़ी में था। यह कैश कनाडा में बैठे लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने भिजवाया था। पंजाब पुलिस की शार्प शूटर प्रियवर्त फौजी और कशिश से हुई पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस अब उनसे कैश रिकवर कराने में जुट गई है। सूत्रों से यह पता चला है। हालांकि पुलिस अभी कैश रिकवरी से पहले औपचारिक तौर पर कुछ कहने से बच रही है। मूसेवाला के कत्ल में विदेशी हथियार इस्तेमाल किए गए। जिसमें ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, जर्मनी की हेकलर एंड कोच P-30 हैंडगन, स्टार पिस्टल, तुर्की की जिगाना सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और AK47 का इस्तेमाल हुआ। विदेशी हथियारों को चलाने से पहले प्रियवर्त फौजी और अंकित सेरसा ने इनकी ट्रेनिंग ली। मानसा के नजदीक ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित किसी सुनसान जगह पर इन शार्प शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। इसके लिए उन्हें बड़ी संख्या में कारतूस भी भेजे गए थे। मोगा का रहने वाला शार्प शूटर मनप्रीत मनु कुस्सा कुछ समय पहले जेल गया था। वहां उसकी पिटाई की गई। उसे शक था कि बंबीहा गैंग ने उसकी पिटाई करवाई है। इसका वीडियो बनाकर बाद में वायरल भी किया गया था। मनु गैंगस्टर लॉरेंस और गोल्डी बराड़ का करीबी है। वह बंबीहा गैंग से बदला लेना चाहता था। इसी वजह से गोल्डी बराड़ ने सभी शार्पशूटर्स को कह दिया था कि मूसेवाला को पहली गोली मनु ही मारेगा। इसके लिए उसे AK 47 दी गई थी। मनु की गोली से ही मूसेवाला की मौत हुई। सिद्धू मूसेवाला का 29 मई को मानसा के जवाहरके में ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली। इस केस में दिल्ली पुलिस ने 3 शार्पशूटर प्रियवर्त फौजी, अंकित सेरसा और कुलदीप उर्फ कशिश को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस ने रेकी से लेकर गाड़ी और फरार होने में मदद के आरोप में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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