नई दिल्ली. श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कल प्रधानमंत्री के निजी घर में आग लगा दी थी। हालांकि, अब प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने ही प्रधानमंत्री के घर में आग लगाई है। जब घटना का वीडियो बनाया जा रहा था तो पुलिस ने जबरन लोगों के कैमरे बंद कर दिए। वहीं, दूसरी तरफ आंदोनलकारियों 116 दिन बाद शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का आवास पर कब्जा कर लिया। हाउस पर कब्जे के बाद कोलंबो से फरार गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले उनके भाई महिंद्रा राजपक्षे मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ इसी साल 15 मार्च को प्रदर्शन शुरू हुआ था। राष्ट्रपति आवास पर कब्जा करने के बाद देर रात प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का घर को भी घेर लिया, जिसके बाद विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इधर, श्रीलंका के चीफ डिफेंस स्टाफ शावेंद्र सिल्वा ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि शांति बनाए रखने के लिए जवानों का सहयोग करें। राष्ट्रपति भवन पर जनता के कब्जे के बाद दबाव बढ़ा तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इस्तीफे से पहले PM ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा। श्रीलंकाई संविधान के अनुसार- राष्ट्रपति इस्तीफा दे, तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।
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