जोधपुर. जोधपुर CRPF ट्रेनिंग सेंटर के जवान नरेश जाट को गुरुवार शाम अंतिम विदाई दी गई। विवाद के कारण परिवार वालों ने पोस्टमॉर्टम के बाद से शव नहीं उठाया था। पिछले 4 दिनों से परिवार वाले धरना दे रहे थे। आखिर दिल्ली से CRPF ADG रश्मि शुक्ला जोधपुर पहुंचीं। उन्होंने करीब 2 घंटे नरेश के परिवार वालों से बात की, तब जाकर सहमति बनी। जवान नरेश की पत्नी का नौकरी दी जाएगी। IG विक्रम सहगल, सांसद हनुमान बेनीवाल की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद शाम करीब 4 बजे नरेश का शव उठाया गया। 11 जुलाई को नरेश ने सरकारी क्वार्टर में खुद को गोली मार ली थी। परिवार वालों ने CRPF DIG भूपेंद्र सिंह सहित जिन 9 लोगों पर नरेश को टॉर्चर के आरोप लगाए थे। उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। आश्वासन दिया गया कि उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। वहीं, 7 महीने पहले सब इंस्पेक्टर विकास कुमार सुसाइड केस को भी नए सिरे से दर्ज किया जाएगा। नरेश जाट मामले में मांगों पर सहमति बनने के बाद शव को शाम 4.15 बजे CRPF ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जवान के पिता लिखमा राम रो पड़े। उन्हें सांसद बेनीवाल ने संभाला। उन्होंने पगड़ी उतार कर बेटे को अंतिम विदाई दी। CRPF एडीजी रश्मि शुक्ला ने जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया। आईजी विक्रम सहगल, कमिश्नर रवि गौड़, डीसीपी अमृता दुहन, सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी श्रद्धांजलि दी। 'नरेश जाट अमर रहें' के नारे लगते रहे। शाम 4.30 बजे जवान का तिरंगे में लिपटा शव पैतृक गांव पाली के राजोला रवाना किया गया। वहां सैन्य सम्मान के साथ शाम 6 बजे अंतिम संस्कार किया गया। ADG रश्मि शुक्ला ने कहा- मामले की गंभीरता देखते हुए गृह मंत्रालय ने ऐसे मामले रोकने के लिए कमेटी बनाई है। कर्मचारी सूरतगढ़ से भी हटाए गए हैं। उनके खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई होगी। 7 महीने पहले CRPF के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार ने भी आत्महत्या की थी। उस मामले को भी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में लिया गया है।
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