भोपाल. मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश से नर्मदा, ताप्ती, बेतवा, शिप्रा सहित कई नदियां उफान पर हैं। छोटी नदियां और नाले भी चढ़े हुए हैं। नदी के निचले इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। भोपाल-नागपुर हाईवे दो दिन में दूसरी बार सुखतवा पुल पर पानी आने से बंद हो गया। सोमवार को भी सुखतवा नदी की बाढ़ में अस्थाई पुल का कोना बह गया था। इस वजह से भोपाल-नागपुर हाईवे 11 घंटे बंद रहा था। खंडवा में आबना नदी में उफान आने से किशोर कुमार समाधि स्थल और इंदौर रोड तक पानी आ गया। नदी किनारे के खेत डूब गए। मौसम को देखते हुए खंडवा प्रशासन ने मंगलवार को स्कूलों में क्लास 1 से 8वीं तक के बच्चों की छुट्टी घोषित कर दी। नर्मदापुरम जिले में तवा बांध के गेट खुलने से खंडवा में इंदिरा सागर बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इंदिरा सागर के गेट खुलने की संभावना है, इससे पहले ओंकारेश्वर डैम से एक-दो दिन में पानी छोड़ा जाएगा। तवा डैम से छोड़ा जा रहा पानी 32 किलोमीटर आगे नर्मदापुरम शहर के पास बांद्राभान में नर्मदा नदी में मिलता है। इससे हरदा, देवास, सीहोर, खरगोन, बड़वानी के नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा है। खरगोन में कुंदा और वेदा नदी उफना गई हैं। झिरन्या इलाके में वेदा नदी पर बने अपरवेदा बांध के गेट खोलना पड़ गए। सोमवार को बांध के सात में से चार गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। आज तीन गेट बंद कर दिए गए। खरगोन जिले में केवट नदी भी उफना गई है। भोपाल में सोमवार शाम दो मासूमों की बारिश के पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। मंदसौर में उफनाए नाले को पार करने की कोशिश में बाइक सवार बेटा और मां बह गए। बेटे को वहां मौजूद लोगों ने बचाया। मां का शव मिला। उज्जैन के महिदपुर में बोलेरो बह गई। तीन लोगों को बचाया गया। प्रदेश में अब तक 23% बारिश ज्यादा हो चुकी है। यानी अब तक 12.40 इंच बारिश होना चाहिए थी, लेकिन 15.32 इंच पानी गिर चुका चुका है।
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