नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उपहार त्रासदी के सबूतों से छेड़छाड़ मामले में गोपाल अंसल और सुशील अंसल को सजा सुनाए जाने के बाद रिहा कर दिया। कोर्ट ने जितनी सजा का ऐलान किया गया था, उतनी सजा वे पहले ही काट चुके हैं। कोर्ट के फैसले को सुनकर शिकायतकर्ता नीलम कृष्णमूर्ति रो पड़ीं। जस्टिस धर्मेश शर्मा ने उन्हें यह कहते हुए सांत्वना दी कि उनके नुकसान की भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन मामले में दोषियों की उम्र पर विचार किया जाना था। मामला उपहार सिनेमा में लगी आग से जुड़ा है, जहां 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के दौरान आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। 2015 में एक निचली अदालत ने उपहार सिनेमा के ओनर अंसल ब्रदर्स को दोषी ठहराया था।
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