नई दिल्ली. NEET स्कैम में गिरफ्तार 8 लोगों से पूछताछ के बाद CBI ने मंगलवार को बड़े खुलासे किए हैं। CBI ने बताया कि ये लोग मेडिकल कोर्सेस में कन्फर्म सीट दिलाने का दावा करते थे। एक सीट 20 लाख रुपए में बिकती थी। एक रिपोर्ट में CBI के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि छात्र की जगह एग्जाम देने वाले फर्जी कैंडिडेट को 5 लाख रुपए दिए जाते थे। 20 लाख में से बची हुई रकम बिचौलियों और बाकी लोगों में बांट दी जाती थी। एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली से जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें से 6 लोगों ने NEET का क्वेश्चन पेपर सॉल्व किया था। इस पूरे रैकेट का सरगना सफदरजंग का सुशील रंजन है, जो पेपर सॉल्व करने वालों को अपॉइंट करता था और उनसे पेमेंट लेता था। CBI ने गिरफ्तारी के बाद कहा था कि मास्टर माइंड छात्रों के आईडी और पासवर्ड इकट्ठे करके इनमें कैंडिडेट के लिहाज से बदलाव करता था। ये लोग फोटो में भी बदलाव करते थे ताकि फर्जी कैंडिडेट को एग्जाम के दौरान कोई परेशानी न आए। गौरतलब है कि 17 जुलाई को हुई NEET परीक्षा के लिए देश में 497 शहरों में एग्जाम सेंटर बनाए गए थे। इनके अलावा भारत के बाहर 14 शहरों भी परीक्षा हुई थी, जिनमें कोलंबो, काठमांडू, बैंकॉक, कुआलालंपुर, सिंगापुर, दुबई, अबू धाबी, मस्कट, शारजाह, कुवैत सिटी, दोहा, मनामा, रियाद, लागोस शहर शामिल हैं। 2022 के लिए NEET एग्जाम 17 जुलाई को हुआ था। CBI प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक रैकेट के मास्टरमाइंड गौतम नगर दिल्ली के रहने वाले सुशील को एक परीक्षा सेंटर हैवलॉक स्क्वायर के पास से गिरफ्तार किया गया था। सुशील के अलावा कृष्णा शंकर योगी और सनी रंजन को फरीदाबाद स्थित सेक्टर 8 के एग्जाम सेंटर से पकड़ा गया। एक लड़की निधि को हैवलॉक स्क्वायर सेंटर, रघुनंदन को दिल्ली के पटपड़गंज इलाके से, भारत सिंह को सफदरजंग और सौरव को शकरपुर से गिरफ्तार किया गया। NEET एग्जाम में हुई इस धांधली में पैसों के लेन-देन का आरोप भी लगा। ये लोग मनचाहा एग्जाम सेंटर पाने के लिए भी मोटी रकम वसूलते थे। CBI ने आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज भी बरामद किए। अधिकारियों ने बताया था कि यह रैकेट बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में भी सक्रिय रहा।
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